
Kolkala Metro प्रशासन ने ममता सरकार के ई-पास प्रस्ताव पर गंभीरता से मंथन शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक-4 के तहत नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता मेट्रो रेल यात्रियों के लिए ई-पास प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव मेट्रो प्रबंधन को दिया है। कोलकाता मेट्रो प्रशासन ने ममता सरकार के इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए इस पर मंथन शुरू कर दिया है। कोलकाता मेट्रो रेल की प्रवक्ता इंद्राणी बनर्जी ने इस बात की पुष्टि की है।
उन्होंने इस संबंध में डिटेल जानकारी फिलहाल मीडिया को नहीं दी है। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अभी प्रस्ताव का प्रारूप तैयार करने का काम जारी है। बहुत जल्द प्रारूप तैयार होने की उम्मीद है। साथ ही प्रस्ताव पर अमल को लेकर जरूरी गाइडलाइन सामने आने की उम्मीद है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
कोलकाता मेट्रो की प्रवक्ता इंद्राणी बनजी से मिली जानकारी के मुताबिक इस समय मेट्रो प्रबंधन और प्रदेश सरकार का जोर फिर से मेट्रो को चालू करने की है। कोलकाता मेट्रो ( Kolkata Metro ) रेल सेवा चालू करने, सोशल डिस्टेंसिंग नियमों पर अमल और भीड़ को नियंत्रित करने से संबंधित मुद्दों पर शुक्रवार को दूसरी बार वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चा की।
कोलकाता मेट्रो की प्रवक्ता इंद्राणी बनर्जी ने बताया कि कोविद-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराने के लिए जरूरी प्रारूप को अंतिम रूप देने का काम जारी है। बहुत जल्द इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए मेट्रो के अधिकारी एक और बैठक करेंगे।
ई-पास प्रस्ताव पर मांगी जानकारी
इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि ममता सरकर ने कोलकाता मेर्टो में ई-पास जारी का प्रस्ताव दिया है। अभी ममता सरकार ने ई—पास जारी करने के तरीकों को आसान बनाने के लिए जरूरी जानकारी मांगी है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-4 के तहत जारी गाइडलाइन में सिलसिलेवार तरीके से 7 सितंबर से मेट्रो रेल सेवाओं को फिर से चालू करने की इजाजत दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन पर ममता सरकार ने कोलकाता में 8 सितंबर से मेट्रो सेवाओं को चालू करने का आदेश जारी किया था।
बता दें कि कोलकाता मेट्रो ( Kolkata Metro ) देश का पहला मेट्रो रेल प्रणाली है। कोलकाता में 24 अक्टूबर, 1984 को इसकसी शुरुआत हुई थी। 2010 में कोलकाता मेट्रो इंडियन रेलवे के 17वें जोन के रुप में शामिल हुई थी। इस मेट्रेो रेल लाइन को तैयार करने का विचार 1950 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बिधान चन्द्र रॉय ने पहली बार दिया था। 1971 में कोलकाता में मेट्रो लाइन का प्रस्ताव पास हुआ। कोलकाता मेट्रो की लंबाई 16.6 किलोमीटर है।
Updated on:
05 Sept 2020 08:36 pm
Published on:
05 Sept 2020 05:26 pm
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