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संसद की सिफारिश पर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म, राष्ट्रपति ने लगाई अधिसूचना पर मुहर

President Ramnath Kovind ने अनुच्छेद 370 से जुड़े अधिसूचना को स्‍वीकृति दी जम्‍मू-कश्‍मीर का स्‍पेशल स्‍टेटस इसी के साथ समाप्‍त राष्‍ट्रपति को मिला राज्‍य सरकार को बर्खास्‍त करने का अधिकार

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lal chawk

नई दिल्‍ली। लोकसभा और राज्‍यसभा से अनुच्‍छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्‍त करने की अधिसूचना पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ramnath Kovind ) ने हस्‍ताक्षर कर दिया है।

इसके साथ ही अनुच्‍छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। अब केंद्र सरकार के सारे कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।

मोदी सरकार ने की थी समाप्‍त करने की सिफारिश

इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को राज्यसभा और मंगलवार को लोकसभा से अनुच्छेद 370 के खंड को छोड़कर शेष खंडों को समाप्‍त करने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ramnath Kovind ) से सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर राष्‍ट्रपति ने हस्‍ताक्षर कर दिए हैं। यानि नया कानून आज से प्रभावी हो गया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि जम्मू-कश्मीर के विकास में धारा 370 रोड़ा है। इसलिए इसका अंत होना चाहिए।

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पूर्ण राज्‍य से यूटी हो गया जम्मू-कश्‍मीर

1954 से जम्मू-कश्मीर में संविधान का अनुच्छेद-370 लागू था। स्‍पेशल स्‍टेटस के साथ जम्‍मू कश्‍मीर को पूर्ण राज्‍य का दर्जा हासिल था। लेकिन अब जम्‍मू-कश्‍मीर यूटी हो गया है।

इस कारण राष्ट्रपति ( President Ramnath Kovind ) के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था। यानी वहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था।

अब वहां राष्ट्रपति शासन और वित्तीय आपातकाल भी लग सकेगा। अब तिरंगा ही जम्‍मू-कश्‍मीर का झंडा होगा।

अभी तक जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था। अब भारत के अन्य राज्यों की तरह यहां की विधानसभा कार्यकाल भी 5 वर्ष हो गया है।

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अभी तक राज्य के नीति निदेशक तत्व भी यहां लागू नहीं होते थे। कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलता था। अब अल्‍पसंख्‍यकों सहित जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

राष्‍ट्रपति ( President Ramnath Kovind ) के हस्‍ताक्षर के बाद यहां के लोगों की नागरिकता भी एक ही होगी। जम्मू कश्मीर में अलग झंडा और अलग संविधान चलता है जो अब छीन जाएगा।

इसके अलावा शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनी लांड्रिंग विरोधी कानून, कालाधन विरोधी कानून और भ्रष्टाचार विरोधी कानून, बाल श्रम, मैला प्रथा से जुड़े नियम भी लागू होंगे।


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