31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश, बेवजह विवादों में उलझकर लक्ष्य से न भटकें

स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर प्रकाश डाला।

3 min read
Google source verification
president Ram nath kovind

राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश, बेवजह विवादों में पड़कर लक्ष्य से न भटकें

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति कोविंद ने देश के विकास में महिलाओं और युवाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें और अवसर देने की वकालत की। राष्ट्रपति ने सेना और पुलिस बलों के तारीफ करते हुए कहा बिना इनके देश में शांति और व्यवस्था नहीं रह सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में हिंसा की कोई जगह नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज देश एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हमें ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में उलझने की जरूरत नहीं है और ना ही बेवजह विवादों में पड़कर अपने लक्ष्यों से हटने की जरूरत। आजादी को बंधी-बधाई प्रयास से इतर बताते हुए राष्ट्रपति ने देशवासियों से स्वाधीनता सेनानी के सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश को अभी गरीबी और असामनता से मुक्त करने के लिए अहम काम करने हैं।

सुरक्षाबल देश की आन-बान और शान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'हमारे सैनिक, सरहदों पर, चिलचिलाती धूप में, बर्फीले पहाड़ों पर सागर और आसमान में, पूरी बहादुरी और चौकसी के साथ, देश की सुरक्षा में समर्पित रहते हैं। वे बाहरी खतरों से सुरक्षा करके हमारी स्वाधीनता सुनिश्‍चित करते हैं। हमारी पुलिस और अर्धसैनिक बल अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं। वे आतंकवाद का मुक़ाबला करते हैं तथा अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की रक्षा करते हैं।'

गांधी जी गरीबों को सशक्त बनाने के पक्षधर थे

राष्ट्रपति ने कहा, "देश में तेजी से बदलाव हो रहा है। हम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भारतीय परंपरा में दरिद्र, नारायण की सेवा को सर्वोपरि माना गया है। मुझे विश्वास है कि हम इसमें योगदान देते रहेंगे। दुनियाभर में गांधी जी को आदर के साथ याद किया जाता है।

किसानों को मिले सुविधाएं
देश की आजादी के 71 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, 'हम भाग्यशाली हैं कि हमें महान देशभक्तों की विरासत मिली है। स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें एक आजाद भारत सौंपा है। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे काम भी सौंपे हैं जिन्हें हम सब मिलकर पूरा करेंगे। देश की आजादी को शक्ति प्रदान करने में किसानों का भी अहम योगदान है।' राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे किसान उन करोड़ों देशवासियों के लिए अन्‍न पैदा करते हैं जिनसे वे कभी मिले भी नहीं हैं।

महिलाओं का सशक्तीकरण

राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की हमारे समाज में एक विशेष भूमिका है। कई मायनों में महिलाओं की आज़ादी को व्यापक बनाने में ही देश की आज़ादी की सार्थकता है। उन्होंने कहा, 'यह सार्थकता, घरों में माताओं, बहनों और बेटियों के रूप में, तथा घर से बाहर अपने निर्णयों के अनुसार जीवन जीने की उनकी आजादी में देखी जा सकती है। उन्हें अपने ढंग से जीने का, तथा अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करने का सुरक्षित वातावरण तथा अवसर मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा, 'एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें यह सुनिश्‍चित करना है कि महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने के सभी अधिकार और क्षमताएं सुलभ हों।

स्वच्छता मिशन पर जोर
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, गांधी जी ने स्वच्छता के लिए काम किया। वे गरीबों को सशक्त बनाने और अनपढ़ों को शिक्षित करने के पक्षधर रहे। उन्होंने कहा कि आज हम अपने इतिहास के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जो अपने आप में बहुत अलग है।

नौजवान देश की अपेक्षा
राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे नौजवान भारत की आशाओं और आकांक्षाओं के बुनियाद हैं। हमारे स्वाधीनता संग्राम में युवाओं और वरिष्ठ-जनों सभी की सक्रिय भागीदारी थी। लेकिन उस संग्राम में जोश भरने का काम विशेष रूप से युवा वर्ग ने किया था। हम अपने युवाओं का कौशल-विकास करते हैं, उन्हें टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग और उद्यमिता के लिए, तथा कला और शिल्प के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम अपने युवाओं की असीम प्रतिभा को उभरने का अवसर प्रदान करते हैं तभी देश आगे बढ़ता है।