
सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला अंतरिक्ष का द्वार, निजी कंपनियां भी लॉन्च कर पाएंगी सैटेलाइट
नई दिल्ली। कोरोना संकट ( Coronavirus ) से जूझ रही देश अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को उबारने के लिए केंद्र सरकार ( Central goverment ) ने आत्मनिर्भर भारत अभियान ( aatmanirbhar bhaarat abhiyaan ) के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज ( Relief package ) का ऐलान किया है।
इस क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज ( Economic package ) के चौथे चरण की जानकारी दी थी।
इस दौरान वित्त मंत्री ने बिजली के निजीकरण, 500 खनन क्षेत्र उपलब्ध कराने से लेकर रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया ( Make in India ) को बढ़ावा दिए जाने समेत आठ बड़ी घोषणाएं की।
इनमें सबसे बड़ी घोषणा स्पेस सेक्टर में अब निजी क्षेत्र भी निवेश कर की छूट देना मानी जा रही है।
वित्त मंत्री के अनुसार अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अलावा प्राइवेट कंपनियां भी अंतरिक्ष में सैटेलाइट को लॉन्च कर सकेंगी।
इससे स्पेस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि निजी कंपनियों को ग्रहों की खोज, अन्य अंतरिक्ष गतिविधियों में भागीदारी की अनुमति दी जाएगी और सरकार भारतीय अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाएगी।
मीडिया से बात करते हुए, निर्मला ने कहा कि सरकार उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में बराबर की भागीदारी का मौका देगी।
केंद्र निजी कंपनियों के लिए एक पूर्वानुमानित नीति और विनियामक माहौल के साथ आएगा। निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने आगे घोषणा की कि निजी क्षेत्र के तकनीकी-उद्यमियों के लिए रिमोट सेसिंग डेटा तक पहुंच के लिए उदार जियोस्पेशल डेटा नीति तैयार की जाएगी।
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
Updated on:
16 May 2020 07:53 pm
Published on:
16 May 2020 07:36 pm
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