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जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 03, 2021 09:16:42 pm

Submitted by:

Anil Kumar

देश में जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों को तैयार करने को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।

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Public Interest Litigation Filed In Supreme Court Demanding To Make A Law On Population Control

नई दिल्ली। देश में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे में जनसंख्या को नियंत्रित किए जाने के संबंध में लगातार अलग-अलग संगठनों व राजनीतिक व्यक्तियों के द्वारा की जाती रही है। अब एकबार फिर से जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों को तैयार करने को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के पोते फिरोज बख्त अहमद की ओर से दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि जनसंख्या विस्फोट भारत में 50 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का मूल कारण है।

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जनहित याचिका में केंद्र को सरकारी नौकरियों, सहायता और सब्सिडी, मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, मुफ्त आश्रय का अधिकार आदि के मानदंड के रूप में ‘दो बच्चों की नीति’ बनाने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

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हर महीने का पहला रविवार घोषित हो स्वास्थ्य दिवस

याचिका में कहा गया है, “सरकार को हर महीने के पहले रविवार को पोलियो दिवस के स्थान पर स्वास्थ्य दिवस के रूप में घोषित करना चाहिए ताकि जनसंख्या विस्फोट के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और ईडब्ल्यूएस और बीपीएल परिवारों को पोलियो के टीके के साथ गर्भनिरोधक गोली, कंडोम, टीके आदि उपलब्ध कराए जा सकें।”

वैकल्पिक राहत के रूप में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से भारत के विधि आयोग को तीन महीने के भीतर जनसंख्या विस्फोट पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने और इसे नियंत्रित करने के तरीके सुझाने के निर्देश देने की मांग की है।

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