
पुलवामा अटैक: कंधार विमान कांड में छोड़ा गया था मसूद अजहर, ऐसे पड़ी जैश-ए-मुहम्मद की नींव
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में घटना को लेकर भारी आक्रोश है। वहीं, आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। एक ओर जहां लोग सरकार पर जवानों की शाहदत का बदला लेने का दबाव बना रहे हैं, वहीं चर्चा इस बात की भी है कि अगर 1999 में खूंखार आतंकी मसूद अजहर को छोड़ा नहीं गया होता, तो शायद पुलवामा में इतना भयावह हमला न हुआ होता।
1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था मसूद अजहर
दरअसल, पुलवामा हमले की साजिशकर्ता जैश-ए-मुहम्मद सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके सहयोगी हैं। मसूद अजहर वहीं आतंकी है, जिसको कंधार विमान हाईजैक के दौरान रिहा किया गया था। माना जाता है कि मसूद अजहर की रिहाई के बाद ही आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद की नींव पड़ी थी। आपको बता दें कि मसूद अजहर को पहले बार 1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। अजहर पर कश्मीर में आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य होने के आरोप था।
क्या है कंधार विमान कांड
आपको बता दें कि आतंकियों ने 24 दिसंबर, 1999 को एक भारतीय विमान हाइजैक कर लिया था। 180 यात्रियों को लेकर यह नेपाल से अगवा किया गया था। आतंकी इस विमान को कंधार ले गए थे। कंधार विमान कांड को हाइजैक करने वालों ने भारतीय जेलों में बंद खूंखार आतंकी मौलाना मसूद अजहर, शेख अहमद उमर सईद और मुश्ताक जरगर को छोड़े जाने की मांग की थी। 6 दिनों तक चली इस जददोजहद के बाद यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार को आतंकियों की शर्त मानने को मजबूर होना पड़ा था। जिसके बाद मसूद अजहर समेत तीनों आतंकियों को छोड़ दिया गया था।
Published on:
17 Feb 2019 10:49 am
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