7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Pune के डॉक्टरों का दावा- यह दवा Coronavirus के इलाज में काफी मददगार हो रही साबित

Pune के कुछ डॉक्टरों Coronavirus के इलाज लिए दवाई का पता लगा लिया है खून पतला करने की दावा Coronavirus Crisis में प्रभावित साबित हो सकती है

2 min read
Google source verification
Pune doctors claim blood thinner drug helpful in treating Covid

Pune doctors claim blood thinner drug helpful in treating Covid

नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ( Coronavirus in india ) के बीच बड़ी खबर सामने आई है। पुणे के कुछ डॉक्टरों कोरोना वायरस ( Coronavirus Vaccine ) के इलाज लिए दवाई का पता लगा लिया है। दरअसल, पुणे के डॉक्टरों ( Pune doctors ) ने दावा किया है कि खून पतला करने की दावा कोरोना महामारी ( Coronavirus Crisis ) में प्रभावित साबित हो सकती है। डॉक्टरों ने यह दावा कुछ ट्रायल्स के बाद मरीजों पर दिखे असर के आधार पर किया है। डॉक्टरों के अनुसार मॉलेक्यूलर वेट हेपारिन (LMWH) नामक वैक्सीन के इस्तेमाल से कोरोना मरीजों ( Coronavirus Case in India ) के हॉस्पिटल में इालाज के समय को कम करने और उसके इलाज में माफी मदद मिली है। यही नहीं इसके इस्तेमाल से कई मरीजों बिल्कुल ठीक हो गए हैं।

Unlock 4.0: क्या एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं और लोगों के आवागमन पर रहेगा प्रतिबंध?

इस वैक्सीन के इस्तेमाल से पॉजिटिव रिजल्ट आने के बाद डॉक्टरों ने मीडिया से इसका अनुभव साझा किया है। डॉक्टरों का दावा है कि SARS-CoV2 वायरस की वजह से मरीज की बॉडी में काउंटर ब्लड इंफ्लेमेशन और ब्लड क्लॉटिंग की प्रॉब्लम होनी शुरू हो जाती है। ऐसे लोगों की रोकथाम में डॉक्टरों का यह दवा काफी प्रभावी दिख रहा है। पुणे के एक डॉक्टर सुभल दीक्षित ने इटली की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि यहां मरीजों की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि कोविड—19की वजह से बॉडी में छोटे ब्लड क्लॉट्स का निर्माण हो रहा है इस खुलासे के बाद भारत में कुछ जगहों पर डॉक्टरों ने खून को पतला करने वाली दवाई का यूज भी शुरू कर दिया है।

Unlock 4.0: की गाइडलाइंस जारी, Metro, flight, school-college, जानें क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

डॉ. दीक्षित ने आगे बताया कि फेफड़ों की नसों में क्लॉटिंग की वजह से कोरोना मरीजों को सांस लेने में समस्या आती है। इसके साथ ही हार्ट, ब्रेन और किडनी संबंधी समस्या भी ब्लड क्लॉटिंग का ही परिणाम है। ऐसे केसों में मॉलेक्यूलर वेट हेपारिन (LMWH) का इस्तेमाल काफी कारगर साबित हो रहा है। हालांकि इस पर अभी रिसर्च जारी है। आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि भारत में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 35 लाख के पार पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे के भीतर ही कोरोना वायरस के 78 हजार 761 नए केस दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही बीते एक दिन में कोरोना संक्रमण की वजह से 948 लोगों की मौत हो गई है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग