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लिव इन रिलेशनशिप पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने की गंभीर टिप्पणी, प्रेमी जोड़े की याचिका खारिज

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लिव इन रिलेशनशिप को नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य करार दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

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Saurabh Sharma

May 19, 2021

Punjab and Haryana High Court serious remarks on live in relationship

Punjab and Haryana High Court serious remarks on live in relationship

चंडीगढ़। लिव इन रिलेशनशिप पर कोर्ट में कई बार मामले आ चुके हैं, लेकिन इस बार पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जो टिप्पणी की है वो काफी गंभीर है। जिसकी वजह से प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लिव इन रिलेशनशिप को नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य करार दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता 19 वर्षीय गुलजा कुमारी और 22 वर्षीय गुरविंदर सिंह हैं। जिन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि वे एक साथ रह रहे हैं और जल्द शादी करना चाहते हैं। उन्होंने कुमारी के माता-पिता से अपनी जान को खतरा होने की आशंका है।

नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस एचएस मदान ने अपने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका की आड़ में अपने लिव इन रिलेशनशिप पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है। याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। लिहाजा याचिका खारिज की जाती है।

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नहीं किया रिश्ता स्वीकार
याचिकाकर्ता के वकील जेएस ठाकुर का कहना है कि सिंह और कुमारी तरनतारन जिले में एक साथ रह रहे हैं। कुमारी के माता-पिता ने उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। कुमारी के माता-पिता लुधियाना में रहते हैं। ठाकुर ने कहा कि दोनों की शादी नहीं हो सकी, क्योंकि कुमारी के दस्तावेज, जिसमें उसकी उम्र का विवरण है, उसके परिवार के पास है।