
डॉक्टर्स डे पर राहुल गांधी ने की डॉक्टर और नर्सों से बातचीत
नई दिल्ली। कोरोना संकट ( coronavirus ) के बीच अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे डॉक्टर और नर्सों के लिए आज का दिन काफी अहम है। 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे ( Doctors Day 2020 ) मनाया जाता है। इस बार का डॉक्टर्स डे और भी खास है क्योंकि कोरोना काल के बीच इन स्वास्थ्यकर्मियों ने योद्धाओं की तरह लोगों की ना सिर्फ जान बचाई बल्कि उनकी सेवा भी की। यही वजह है कि इस अहम दिन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने देश विदेश में काम कर रहे डॉक्टर और नर्स ( Rahul talk to Doctor and Nurse ) से बातचीत की।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि आप लोगों पर हमें गर्व है। हम आप लोगों से ये जानना चाहते हैं कि आप लोग इस मुश्किल वक्त में कैसे काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने लिवरपूल, इंग्लैंड से शर्ली, एम्स दिल्ली के विपिन, ऑस्ट्रेलिया में रह रहे राजस्थान के नरेंद्र और न्यूजीलैंड में काम कर रही अनु रंगत से बातचीत की।
राहुलः मेरा मानना है कि हमें समस्या का सामना करना होगा, इसके लिए जरूरी है कि हम समस्या को स्वीकार करें। सरकारें इस धारणा के साथ चल रही है कि समस्या उतनी बड़ी नहीं है जितनी बड़ी दिख रही है। राहुल ने ब्रिटेन से नर्स शैली से पूछा कि कोरोना इलाज के दौरान गैर कोविड मरीजों को परेशानी होती होगी?
शर्ली-ब्रिटेनः ब्रिटेन के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा जारी है। रेड और ग्रीन जोन बनाए गए हैं। राहुल ने पूछा कि क्या आप लोगों के बच्चे भी साथ रहते हैं। इस पर शर्ली ने बताया कि वह 6 सप्ताह तक बाहर रहीं ताकि पति और बच्चे संक्रमण की चपेट में ना आएं। करीब 15 दिन पहले मैं अपने घर आई। यहां पर हमें सरकार, लोग और सुपरमार्केट्स सभी से मदद मिल रही है।
विपिन-केरलः विपिन ने राहुल के उस सवाल का जवाब दिया जो उन्होंने गैर कोविड मरीजों के लिए किया था। विपिन ने कहा कि भारत के संदर्भ में ज्यादा जरूरी है । मेरे पास कई मरीजों के फोन आए जो कैंसर के पेशेंट्स थे लेकिन हम उनके लिए कुछ कर नहीं पाए। विपिन ने बताया मैं अभी कोरोना संक्रमित हूं और 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन हूं।
विपिन ने कहा - भारत में 1.2 मिलियन एलोपेथिक डॉक्टर हैं, जबकि 3 मिलियन से अधिक नर्स हैं, लेकिन भारत में निजी और सरकारी अस्पताल में जमीन आसमान का अंतर है।
विपिन ने कहा कि AIIMS में दो नर्सों की कोरोना से मौत हो गई। लेकिन अब तक दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ रुपए नहीं दिए। विपिन ने कहा कि हम लोग सेना की तरह एक युद्ध लड़ रहे हैं, ऐसे में हमें रिस्क अलाउंस मिलना चाहिए।
नरेंद्र-ऑस्ट्रेलियाः राहुल से बातचीत में ऑस्ट्रेलिया नरेंद्र ने कहा कि शुरुआत में तो इस बीमारी के इतने गंभीर परिणामों के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन जैसे ही लोगों की मौत होने लगी तो हर कोई डर गया। इसके बाद युद्ध स्तर पर लड़ने की तैयारी शुरू हो गई।
नरेंद्र ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) समेत अन्य उपायों के साथ ही टेस्टिंग बहुत जरूरी है। हमें लगातार हाथ धोते रहना होगा।
नरेंद्र ने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर देना होगा। क्योंकि जब तक टेस्टिंग नहीं होगी कोरोना को ट्रैक करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
अनु- न्यूजीलैंड: राहुल गांधी से बातचीत में न्यूजीलैंड से अनु ने कहा कि सख्ती के चलते यहां पर हम काफी हद तक कोरोना को काबू करने में सफल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ऑकलैंड जैसे शहरों में काफी ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में सख्ती ना की होती तो ज्यादा लोगों की जान जा सकती थी। यही वजह रही कि हमने और सरकार ने शुरुआत से ही सख्ती अपनाए रखी।
आपको बात दें कि राहुल गांधी इससे पहले भी कोरोना काल में कई एक्सपर्ट्स से बात कर चुके हैं। RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, अमेरिका के अंबेसडर निकोलस बर्न्स, उद्योगपति राजीव बजाज, प्रोफेसर आशीष झा और प्रोफेसर योहान प्रमुख रूप से शामिल थे।
Updated on:
01 Jul 2020 02:22 pm
Published on:
01 Jul 2020 11:49 am
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