नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (BKU) की अगुवाई में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) के इस साल दिसंबर तक चलने की संभावना है।
रविवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने यह बात सामने रखी। पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद रविवार को प्रयागराज (Prayagraj)पहुंचे टिकैत ने झलवा में पत्रकारों से बातची में इस आंदोलन के नवंबर-दिसंबर तक चलने की उम्मीद जताई है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने बंगाल दौरे के बारे में टिकैत ने कहा कि दिल्ली सरकार के लोग पश्चिम बंगाल में किसानों से एक मुट्ठी अनाज की मांग कर रहे हैं। हमने किसानों से कहा कि जब वो चावल दें तो अनाज मांगने वालों से कहें कि वो इस पर एमएसपी भी तय करें। 1,850 रुपये का भाव दिला दें।
उन्होंने कहा कि शनिवार को वे बंगाल में थे। पूरे देश में जा रहे हैं। हम किसानों से एमएसपी का कानून बनवाने की मांग पर अड़े हुए हैं। अभी बिहार में धान 700-900 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया। उनकी मांग है कि एमएसपी का कानून बने और इससे नीचे पर खरीद ना हो।
टिकैत के अनुसार वे दिल्ली में ही रहेंगे। पूरे देश में हमारी बैठकें चल रही हैं। हम 14-15 मार्च को मध्य प्रदेश में रहेंगे फिर 17 मार्च को गंगानगर में और 18 तारीख को फिर गाजीपुर बार्डर चले जाएंगे।इसके बाद 19 को ओडिशा में रहेंगे और 21-22 को कर्नाटक में रहने वाले हैं।
Published on:
14 Mar 2021 07:02 pm