
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद के संगीत सोम के ताजमहल पर दिए गए विवादित बयान के बाद मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेशक ताजमहल का दौरा कर इसे दुनिया के लिए अनमोल रत्न भी बता चुके लेकिन संघ अब एक नए मुद्दे लेकर मैदान में आ गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास विंग ने कहा है कि शुक्रवार को ताजमहल में होने वाली नमाज पर रोक लगाई जाए।
'शिव चालीसा नहीं तो नमाज भी नहीं'
एबीआईएसएस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. बालमुकुंद पांडे ने कहा कि ताजमहल एक राष्ट्रीय संपत्ति है। उसे किसी धर्म विशेष के धार्मिक स्थान के रुप में इस्तेमाल करने की अनुमित क्यों दी गई है। अगर ताज महल के अंदर नमाज पढ़ना जायज है तो फि हिंदुओं द्वारा शिव चालीसा पढ़ने पर बवाल क्यों मच गया। अगर ताज परिसर में हिंदू शिव चालीसा नहीं पढ़ सकता तो मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगाई जाए।
हिंदू संगठन ने पढ़ा था शिव चालीसा
बता दें कि सोमवार को अलीगढ़ और हाथरस से आए राष्ट्र स्वाभिमान दल नामक हिंदू संगठन के कुछ कार्यकर्ता ताजमहल के मुख्य परिसर में पहुंचे। रॉयल गेट से प्रवेश के बाद बने रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म पर इन्होंने भगवान शिव की स्तुति में शिव चालीसा का पाठ करना शुरू दिया। यह देखते ही वहां कौतूहल शुरू हो गया। ताजमहल देखने आए विदेशी पर्यटक भी इस घटना को कैमरे में कैद करने लगे। जैसे ही यह बात वहां तैनात एएसआई के कर्मियों को पता चली तो हड़कंप मच गया। इसके बाद सीआईएसएफ के जवानों ने सभी कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया।
'ताजमहल मंदिर था'
बालमुकुंद पांडे ने कहा इस बात के कई प्रमाण हैं कि ताजमहल प्राचीन काल में एक शिव मंदिर था और इसका निर्माण भी एक हिंदू राज ने ही करवाया था। ताज महल किसी के प्यार की निशानी नहीं है। बताया जाता है कि मुमताज की मौत के चार महीने बाद ही शाहजहां ने दूसरी शादी कर ली थी, तो ये कैसी मोहबब्त हुई। उन्होंने कहा कि हम ताज के मंदिर होने से संबंधित कुछ और प्रमाण खोज रहे हैं और जल्द ही इसे पेश करेंगे।
Updated on:
27 Oct 2017 10:19 am
Published on:
27 Oct 2017 10:12 am
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