मंदिर में घुस रही मुस्लिम महिला का इस्लाम से निष्कासन, देवबंद उलेमा ने किया समर्थन इस बयान पर मचा बवाल मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान स्मृति ईरानी ने अपनी राय रखी। उनकी राय से लग रहा है कि वह इस मुद्दे पर स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश करने के फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ” प्रार्थना करना मेरा अधिकार है, लेकिन दूषित करने का हक नहीं हैं। इस बात का सम्मान करना चाहिए। कैबिनेट मंत्री के तौर पर मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलने वाली कोई नहीं हूं। साथ ही उन्होंने सवाल पूछने के लहजे में कहा कि क्या तुम अपने दोस्त के घर में मासिक धर्म के खून में सने सेनेटरी नेपकिन्स लेकर जाओगो? तो क्यों तुम उन्हें भगवान के घर में ले जाओगे?