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SC का ऐतिहासिक फैसला, इस्तीफ़ा देना कर्मचारी का अधिकार, काम करने के लिए नहीं किया जा सकता बाध्य

किसी भी कर्मचारी को यह अधिकारी है कि वह इस्तीफा दे दे और उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

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SC का ऐतिहासिक फैसला, इस्तीफ़ा देना कर्मचारी का अधिकार, काम करने के लिए नहीं किया जा सकता बाध्य

SC का ऐतिहासिक फैसला, इस्तीफ़ा देना कर्मचारी का अधिकार, काम करने के लिए नहीं किया जा सकता बाध्य

नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी कर्मचारी को यह अधिकारी है कि वह इस्तीफा दे दे और उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। बशर्ते कि नियुक्ति की शर्तों से जुड़े नियम या कोई अनुशासनात्मक मामला है जो कि लंबित है या फिर उसपर कार्रवाई की बात सोची जा रही है, उससे बचने के लिए ऐसा न किया जा रहा हो।

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि संजय जैन एयर इंडिया में पांच वर्ष के लिए ज्वाइन नियुक्त किए गए थे, लेकिन उन्होंने समय पूरा होने से पहले ही 30 दिनों का अग्रिम नोटिस देकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद संयज ने जेट एयरवेज ज्वाइन किया। संजय ने एयर इंडिया से मांग की कि उनका पीएफ,ग्रेच्यूटि और बक़ाया वेतन आदि चुका दे। इस पर एयर इंडिया ने कहा कि उनके आग्रह को ठुकरा दिया गया है। चूंकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है, इसलिए उसे वापस अपनी नौकरी ज्वाइन कर लेनी चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट में फैसले को दी गई चुनौती

बता दें कि इसके बाद संजय ने एयर इंडिया के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी। इसके इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कुछ अहम टिप्पणी की। न्यायाधीश अरुण मिश्र और न्यायाधीश विनीत सरन की बैंच ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि 30 दिन का अग्रिम नोटिस दिया जा चुका है, तो इसमें कंपनी की स्वीकृति या अस्वीकृति का सवाल हीं नहीं उठता। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब कर्मचारी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया उस समय उसके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी लम्बित नहीं थी और ना ही ऐसा करने का सोचा जा रहा था। लिहाजा इसे रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि जब ज्वाइनिंग के शर्तों के मुताबिक उनकी सेवा पांच वर्ष के लिए था और अवधि पूरी हो चुकी है। तो ऐसे में किसी कर्मचारी को इस्तीफा देने से रोकने के लिए कोई नियम या अवरोध नहीं है और ना हीं किसी नियोक्ता को यह अधिकार है कि वह किसी कर्मचारी के इस्तीफे को अस्वीकर कर दे। बता दें कि अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट और एयर इंडिया के आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें कर्मचारी के इस्तीफे को स्वीकार करने से मना कर दिया था। कोर्ट ने आगे कहा कि कर्मचारी के सभी बकाया का भी भुगतान किया जाए।