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सर्वोच्च अदालत पहुंचा अलवर मॉब लिंचिंग केस, हरियाणा, यूपी और राजस्थान मामलों पर सुनवाई अगले महीने

देश के अलग-अलग राज्यों के मॉब लिंचिंग मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त से शुरू होगी सुनवाई, 28 अगस्त को अलवर केस पर होना है सुनवाई।

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देश की सर्वोच्च अदालत पहुंचा अलवर मॉब लिंचिंग केस, अब 20 अगस्त से होगी सुनवाई

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार सामने आ रहे मॉब लिंचिंग के मामलों से पूरा देश सकते में है। हाल में राजस्थान के अलवर में कथित गो रक्षकों की ओर से की गई रकबर खान की हत्या का मामला भी देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उसी याचिक को स्वीकार कर लिया,जिसमें राजस्थान सरकार और अधिकारियों पर सर्वोच्च अदालत के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है।


अगले महीने होगी सुनवाई
तहसीन पूनावाला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। अब सर्वोच्च अदालत अलवर मॉब लिंचिंग मामले की सुनवाई अगले महीने यानी 20 अगस्त से करेगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं में इफाजे को लेकर गंभीर चिंता जताई थी, इसके बाद ही कोर्ट ने लिंचिंग को लेकर कई दिशा निर्देश भी जारी किए थे। केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देशों का पालन करने को कहा गया था। लेकिन सर्वोच्च आदेश के बावजूद भी देश में ऐसी वारदातों में कोई कमी नहीं आई है।


फिर सुलगी मॉब लिंचिंग की आग
देश में एक बार फिर मॉब लिंचिंग की आग सुलग गई है। ताजा मामला है राजस्थान के अलवर जिले का। जहां मॉब लिंचिंग के चलते रकबर खान की मौत को लेकर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे है। एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी अब इस मामले की जांच करेंगे. यानी स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आने के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ से जांच छीन ली गई।

इससे पहले इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को अवमानना का नोटिस जारी किया था, जिस पर 3 सितंबर तक तीनों राज्यों को जवाब देना है।

ओवैसीः राजस्थान पुलिस से यही उम्मीद
राजस्थान में रकबर खान की हत्या मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा राजस्थान पुलिस के रवैये से बिल्कुल भी हैरानी नहीं है। इससे पहले पहलू खान मामले में भी राजस्थान पुलिस ने यही किया था। गो रक्षक और पुलिस आपस में मिले हुए हैं।

आपको बता दें कि राजस्थान पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। यही नहीं, पुलिस ने खुद भी रकबर की पिटाई की। इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई।


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