
मुश्किल परिस्थिति में पीछे हटना सैनिक की ‘कायरता’: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने गुरुवार को सैनिकों को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि एक सैनिक का गंभीर परिस्थितियों में चुनौती से पीछे हटना कायरता की श्रेणी में आता है। एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक सैनिक को हमेशा देश की अखंडता की रक्षा के लिए आगे बढ़ता रहना चाहिए।
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया फरमान
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने यह फरमान एक सैनिक की सेवा से बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया। कोर्ट ने सैनिक की याचिका को भी अस्वीकार कर दिया। दरअसल, याचिकाकर्ता को 2006 में जम्मू—कश्मीर में एक सैन्य अभियान के चेकपोस्ट पर आतंकी हमले के दौरान भागने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। सैनिक पर आरोप था कि बजाए मुकाबला करने के वह चौकी छोड़कर भाग खड़ा हुआ। इस आतंकी हमले में सैनिक का एक साथी शहीद हो गया था।
हमलावरों के साथ संघर्ष करे सैनिक
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के जस्टिस MR शाह और AS बोपन्ना की बेंच ने सुनाया। याचिका पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि एक सैनिक पर प्रशिक्षण के दौरान देश के संसाधन केवल इसलिए खर्च किए जाते हैं, ताकि वो जवाबी कार्रवाई करने और राष्ट्र की अखंडता की रक्षा करने के लिए हमलावरों के साथ संघर्ष करे। लेकिन अगर वो इस तरह की परिस्थिति से मुंह मोड़ता है तो यह कायरता होगी।
Updated on:
04 Jul 2019 02:51 pm
Published on:
04 Jul 2019 12:08 pm
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