राजस्थान सरकार सरकारी स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों को फ्री सैनेटरी नैपकिन देने की तैयारी में है। इसके लिए छात्र-छात्राओं से एकत्र की गई छात्र निधि का इस्तेमाल होगा। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों को सैनेटरी नैपकिन मुफ्त देने का आदेश दिया है। बीते सात महीने से नैपकिन नहीं मिलने से ग्रामीण छात्राएं फिर से पुराने व असुरक्षित तरीके के लिए मजबूर हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने छात्राओं को सैनिटरी पैड मुहैया कराने के लिए कोई बजट निर्धारित नहीं किया है। कुछ कॉलेजों व स्कूलों में निजी संस्थाओं द्वारा नैपकिन वेंङ्क्षडग मशीन लगाई गई है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं तो छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। कर्नाटक में इस साल इस योजना के लिए कोई बजट नहीं मिला है। पिछले साल इसके लिए 49 करोड़ रुपए आवंटित थे। योजना का लाभ 17 लाख छात्राओं को मिलता था।
गुजरात में तरुणी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पूरी तरह से अमल में नहीं है। योजना से छात्राओं को छह पैड छह रुपए में उपलब्ध कराए जाते हैं। वडोदरा, खेड़ा, भरूच और आणंद में छात्राओं यह सुविधा देने की योजना है। राजकोट और वडोदरा मनपा के स्कूलों में मशीनें लगाई गई हैं। इस सुविधा का लाभ 300 से ज्यादा छात्राएं उठाती हैं।
छत्तीसगढ़ में शुचिता योजना के तहत सरकारी स्कूल- कालेजोंं की 10 लाख छात्राओं को सेनिटरी नैपकिन दिए जाने की योजना थी। शुरुआती दो वर्षों में 2200 स्कूलों में वेंडिंग और डिस्पोजल मशीने लगाई गईं। अधिकतर स्कूलों में वेंडिंग मशीने खराब पड़ी हैं। सरकार अब महिला स्व-सहायता समूहों से सेनिटरी नैपकिन बनवाकर आंगनबाड़ी के जरिए वितरित कराने की कोशिश में है।
तमिलनाडु में फ्री सैनिटरी पैड योजना 2011 से चल रही है। इस पर सालाना 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। कोरोना का हवाला देते हुए सरकार ने इस साल कहा कि नैपकिन का वितरण संभव नहीं है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार को जगाया। इसके बाद अपेल-जुलाई के बीच 23.86 लाख छात्राओं को 71 लाख 59 हजार सैनिटरी पैड वितरित किए गए।
मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग यह जिम्मा संभाल रहा है। प्रदेश में नि:शुल्क और सशुल्क नैपकिन मुहैया कराई जा रही है। हालांकि सरकार ने कोई बजट तय नहीं किया है। समाजसेवी संगठन और स्वयंसेवी संस्थाएं यह काम कर रही हैं। गरीब वर्ग की छात्राओं को मुफ्त पैड मुहैया कराए जाते हैं। स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई गईं है।