खुफिया एजेसियों ने जारी की बड़े आतंकी हमले की चेतावनी घोष विशेष जांच दल (एसआईटी) में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। विशेष जांच दल ने घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपे जाने से पहले इसकी जांच की थी। सूत्रों के अनुसार- जांचकर्ताओं ने घोष से यह भी पूछा कि जांच के संदर्भ में उन्हें किसने सभी निर्देश दिए।
लाल डायरी और हार्ड ‘डिस्क’ स्पष्ट तौर पर शारदा ग्रुप के मिडलैंड पार्क ऑफिस से एसआईटी की ओर से जांच के शुरुआती दिनों में जब्त किए गए थे। विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों के बीच से इस टीम के गठन के बाद यह जांच शुरू की गई थी।
पश्चिम बंगाल: भाजपा नेता रिमझिम मित्रा ने पुलिस पर लगाया धक्का-मुक्की का आरोप घोष उस समय कमिश्नरेट में डिप्टी कमिश्नर (डिटेक्टोव विभाग) थे। घोष ने सीधे तौर पर मामले को संभाला और निचले स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने मामले के संबंध में नियमित तौर पर मीडिया को जानकारी दी। त्कालीन बिधाननगर पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने एसआईटी का नेतृत्व किया था। राजीव कुमार भी सीबीआई जांच के दायरे में हैं। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में शारदा मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा था।