
उद्धव ठाकरे
नई दिल्ली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को बधाई देने पर एनसीपी मंत्री छगन भुजबल को चेतावनी दी थी। इस पर मंगलवार को शिवसेना और एनसीपी ने पाटिल पर हमला बोला।
भुजबल ने क्या गलत किया
शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में पूछा गया कि बनर्जी को बधाई देने वाले भुजबल ने क्या गलत किया है। “पीएम मोदी ने भी पाकिस्तान के नए पीएम को बधाई दी थी। यह एक प्रोटोकॉल है। लेकिन भुजबल द्वारा ममता को बधाई देने पर पाटिल क्यों नाराज हैं। पाटिल ने भुजबल को याद दिलाया था कि उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है।
केवल "जमानत पर बाहर" हैं
भुजबल द्वारा बनर्जी को जीत के लिए बधाई देने के बाद पाटिल ने कहा कि भुजबल को याद रखना चाहिए कि वह केवल "जमानत पर बाहर" हैं और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
सामना में कहा गया कि अगर विपक्ष द्वारा मंत्रियों और विधायकों को इस तरह से धमकी दी जा रही है, तो मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को गंभीरता से लेना चाहिए। संपादकीय में सवाल किया गया, महाराष्ट्र कब इतना असहिष्णु हो गया।
उपचुनाव में जीत का जश्न भी नहीं मना पा रही
शिवसेना ने कहा, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार का कारण भाजपा का अहंकार है। बंगाल में हार के कारण भाजपा महाराष्ट्र में पंढरपुर सीट पर उपचुनाव में जीत का जश्न भी नहीं मना पा रही है भाजपा। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अगर कोर्ट पाटिल के कहने पर चलती है तो इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र खत्म हो चुका है। पाटिल को कोर्ट से माफी चाहिए।
Published on:
05 May 2021 02:09 pm
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