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…तो क्या भारत की मुसीबत बढ़ाने के लिए चीन ने कराया तख्तापलट, जानिए सरकार को लेकर म्यांमार की सेना ने क्या दिया बयान

Highlights. - म्यांमार की सेना ने हाल ही में वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, राष्ट्रपति विन मिंट और कुछ अन्य नेताओं को हिरासत में लेकर सरकार पलट दी - मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि तख्तापलट की जानकारी कुछ खास लोगों को पहले से थी, उप राष्ट्रपति यू मिंट स्वी ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी किए थे - नए तथ्य के तहत म्यांमार में तख्तापलट की कार्रवाई चीन के इशारे पर हुई, भारत को पूर्वी क्षेत्र में एक बार फिर अस्थिर करने के लिए ड्रैगन ने यह चाल चली  

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Ashutosh Pathak

Feb 07, 2021

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नई दिल्ली।

हाल ही में म्यांमार (Myanmar) की सेना ने वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की (aangsangsuki), राष्ट्रपति विन मिंट और कुछ अन्य नेताओं को हिरासत में लेकर सरकार पलट दी थी। सेना ने देश में एक साल के लिए इमरजेंसी (Emergency) घोषित कर दी है। वहीं, अब धीरे-धीरे कुछ नए तथ्य सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि तख्तापलट की जानकारी कुछ खास लोगों को पहले से थी। म्यांमार के पहले उप राष्ट्रपति यू मिंट स्वी ने एक अहम दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद ही सेना के नियंत्रण वाले म्यावादी टीवी चैनल ने देश में इमरजेंसी लागू किए जाने की जानकारी दी। आपको बता दें कि यू मिंट स्वी इस समय म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर काम कर रहे हैं।

चीन के इशारे पर तख्तापलट!
इसके अलावा एक नया तथ्य यह भी सामने आया है कि म्यांमार में तख्तापलट की कार्रवाई चीन (China) के इशारे पर हुई। आशंका जताई जा रही है कि ड्रैगन की यह चाल भारत को पूर्वी क्षेत्र में एक बार फिर से अस्थिर करने के लिए चली गई है। म्यांमार में भारत के पूर्वोत्तर के करीब वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय उग्रवादी गुटों को चीन मदद करेगा, जिससे यहां अस्थिरता पैदा की जा सके। बता दें कि कई उग्रवादी गुट अब भी चीन के संपर्क में हैं, मगर आंग सान सू की ने उन पर सख्ती बरती हुई थी, जिससे वह भारत के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश रचने में विफल साबित हो रहे थे।

भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोल रहा चीन
वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि चीन अप्रत्यक्ष रूप से पूर्वोत्तर में एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर रहा है। म्यांमार में आम्र्ड फोर्स यूनाइटेड स्टेट आर्मी और अराकान आर्मी है। इन्हें वहां की सरकार ने आतंकी संगठन के तौर पर चिन्हित कर प्रतिबंधित कर रखा था। चीन की सेना इन्हें अक्सर मदद पहुंचाती रही है। इसके अलावा भारत-म्यांमार सीमा से सटे क्षेत्र में अलग देश के लिए लडऩे वाले जातीय नगा विद्रोहियों से जुड़े लोगों से चीन के कई सैन्य अधिाकारी पिछले कुछ महीनों में मुलाकात कर चुके हैं।

हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि सरकार पूर्वोत्तर में सक्रिय रहे विद्रोही गुटों से लगातार बातचीत कर रही है, मगर खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्र यह स्पष्ट कह रहे है कि इनमें ज्यादातर विद्रोही गुट चीन सरकार के प्रभाव में हैं और भारत के खिलाफ लगातार साजिश रच रहे हैं। म्यांमार में तख्तापलट की घटना को अंजाम दिलाकर चीन भारत के खिलाफ एक नई साजिश रच रहा है।