
मुजफ्फरपुर रेपकांड से जगी सरकार, 3000 आश्रय गृहों का हुआ सोशल ऑडिट
नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर और देवरिया बालिका गृह में बच्चियों से रेप की घटना के बाद महिला एवं बाल विकास हरकत में आ गया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि देश भर के 3000 आश्रय गृहों का सोशल ऑडिट का कार्य पूरा कर लिया गया है और मानदंडों का पालन नहीं करने के कारण 40 से ज्यादा बंद कर दिए गए हैं। सरकार का यह कदम बिहार के मुजफ्फपुर व उत्तर प्रदेश के देवरिया में आश्रय गृह में रहने वाली बालिकाओं से कथित तौर पर दुष्कर्म की रिपोर्ट के बाद आया है।
मेनका गांधी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से बाल देखरेख संस्थानों (सीसीआई) का सोशल ऑडिट करने व दो महीने के भीतर एक रिपोर्ट जमा करने को कहा है। उन्होंने मंत्रालय से जुड़ी संसद की सलाहकार समिति की एक बैठक में कहा कि मंत्रालय लगातार यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेश किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार सीसीआई देखभाल के मानदंडों का पालन करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने इन सीसीआई व आश्रय गृहों के पंजीकरण के लिए एक मुहिम चलाया है। इसके परिणामस्वरूप दिसंबर 2017 तक 7109 सीसीआई पंजीकृत हुए हैं, जबकि 401 प्रक्रिया में हैं।
इससे पहले मेनका गांधी ने कहा कि ये जो मुजफ्फरपुर और देवरिया में हुआ है, उससे हम लोग चकित भी हैं और दुखी भी। मुझे मालूम है कि ऐसे बहुत से जगह हैं। बालिका गृह को सरकार की ओर से अनुदान तो दिया गया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया मेनका गांधी ने कहा कि देशभर कहा कि मैंने दो साल में हर सांसद को खत लिखकर कहा है कि वह अपने क्षेत्रों का दौरा का दौरा करें। अगर किसी भी स्थान पर कोई कमी मिले तो मुझे तुरंत जानकारी दें। मैं इसपर कार्रवाई करूंगी, लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
Published on:
10 Aug 2018 10:10 pm
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