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पत्रिका फैक्ट चेक: क्या सच में सरकार सभी करदाताओं से 18% इनकम जमा कराने के लिए एक्ट लाएगी?

वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार सभी कर दाताओं द्वारा 18% इनकम जमा करने के लिए अधिनियम लाने जा रही है। इस खबर के बाद से बड़ी संख्या में कर दाता चिंतित और परेशान हैं।  

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पत्रिका फैक्ट चेक: क्या सच में सरकार सभी करदाताओं से 18% इनकम जमा कराने के लिए एक्ट लाएगी?

पत्रिका फैक्ट चेक: क्या सच में सरकार सभी करदाताओं से 18% इनकम जमा कराने के लिए एक्ट लाएगी?

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार जहां लोगों को सतर्क और सावधानी बरतने की अपील कर रही है, वहीं इस बीमारी को लेकर हकीकत से ज्यादा भ्रांतियां और झूठी खबरों भी प्रसारित की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर इससे जुड़ी कई फेक न्यूज वायरल हो रही है। इसी कड़ी में एक नई खबर सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हो रही है।

वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार सभी कर दाताओं द्वारा 18% इनकम जमा कराने के लिए अधिनियम लाने जा रही है। इस खबर के बाद से बड़ी संख्या में कर दाता चिंतित और परेशान हैं।

दावा-सरकार सभी कर दाताओं द्वारा 18% आय जमा करने के लिए अधिनियम लाएगी

तथ्य:- सरकार ने ऐसा कोई नियम जारी नहीं किया है..और ना ही कोई चर्चा की

वायरल मैसेज में क्या ?

व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से शेयर किया जा रहा है। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार सभी कर दाताओं से 18 फीसदी इनकम जमा करने के लिए एक्ट लाने जा रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। पत्रिका के व्हाट्सएप नंबर पर भी इस तरह की खबर शेयर कर जानकारी पूछी जा रही है कि क्या सच में सरकार ऐसा कदम उठाने जा रही है। इस खबर के बाद टैक्स जमा करने वाले लोगों में एक अजब तरह का डर पैदा हो गया है। उन्हें लग रहा है कि सरकार उनकी आमदनी पर कैची चलाने की तैयारी कर रही है।

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वायरल मैसेज की क्या है सच्चाई?

पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने जब इसकी पड़ताल की जिसमें दावे में कोई सच्चाई निकल कर नहीं आई। बल्कि पड़ताल में पाया गया कि वायरल मैसेज पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ शरारती तत्व इस तरह के मैसेजे करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्रिका डॉट कॉम आपसे अपील करता है कि ऐसी खबर पर बिलकुल ध्यान नहीं दें।

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PIB ने फेक न्यूज बताया

वहीं प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इस तरह की खबर को गलत बताया और कहा कि सरकार इस तरह के किसी भी कदम पर चर्चा नहीं कर रही है। यह डराने के उद्देश्य से की गई एक कल्पना है। पीआईबी ने लोगों से अपील की कि इस तरह की खबर पर कतई ध्यान नहीं दें। साथ ही ऐसे किसी फेक न्यूज को आगे न भेजें जिससे कि लोग परेशान और चिंतित हों।