
State Govt orders 25% fee cut in all private schools for this session from pre to 12th in Assam
गुवाहाटी। कोरोना वायरस महामारी के बीच छिनते रोजगार और कम होती आय के बीच लोगों की सबसे बड़ी परेशानी स्कूलों की फीस को लेकर थी। इस संबंध में असम सरकार ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा करते हुए अन्य राज्यों को आईना दिखाया है। असम सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदेश के प्री-स्कूलों से लेकर 12वीं तक के विद्यालयों की फीस में मौजूदा शैक्षिक सत्र में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी।
असम सरकार द्वारा शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की गई है। इसके मुताबिक सभी निजी स्कूलों की मई 2020 से लेकर जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं, तब तक उनकी फीस में 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। असम सरकार का यह फैसला प्री-स्कूल से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के लिए लागू होता है।
दरअसल कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया जबकि करोड़ों की तनख्वाह में भी कटौती हुई। कमाई में हुई इस अप्रत्याशित कटौती के चलते लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चे चलाना भारी पड़ गया। इस दौरान जिन लोगों के बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं, उन्हें पूरी फीस चुकानी पड़ रही है, जबकि स्कूल अपने कर्मचारियों-शिक्षकों की संख्या में कटौती के साथ ही उनके वेतन में कटौती कर रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार के आदेशानुसार स्कूल केवल ऑनलाइन क्लासेज ही जारी रख सकते हैं। स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के लिए भी पूरी फीस वसूली जा रही है।
इस दौरान तमाम अभिभावक संगठनों द्वारा स्कूलों की फीस कम करनेे को लेकर केंद्र से राज्य सरकारों से फरियाद की जा चुकी है, बावजूद इसके अभी तक ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि असम सरकार के इस कदम ने राज्यों के सामने एक उदाहरण जरूर पेश किया है, कि वे भी इससे सबक लें।
गौरतलब है कि इससे पहले असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को एक प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना (डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम) की घोषणा की थी। इस योजना के तहत राज्य में परिवारों को प्रति माह 830 रुपये मिलेंगे। असम सरकार ने इस योजना का नाम अरुणोदय योजना रखा है।
मीडिया से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सरमा ने कहा, "हमने असम में किसी भी सरकार के तहत सबसे बड़े प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की घोषणा की है। इस योजना के तहत एक परिवार को उनकी दैनिक जरूरतों के लिए प्रति माह 830 रुपये मिलेंगे। वे दवा या चीनी आदि खरीद सकते हैं। इसलिए हम एक परिवार के बैंक खाते में प्रति माह 830 रुपये का नकद हस्तांतरण करने जा रहे हैं। लेकिन परिवार को एक महिला को नामित करना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "एक पुरुष सदस्य इस योजना में अपने बैंक खाते में पैसा पाने का हकदार नहीं है। उन्हें परिवार की एक महिला सदस्य को नामांकित करना होगा, वो कोई भी हो सकती है। महिला सदस्य के नाम पर उसके बैंक खाते में हम हर महीने के पहले दिन 830 रुपये स्थानांतरित करेंगे। इसलिए हम 17 लाख परिवारों को शामिल करने जा रहे हैं और हमारा लक्ष्य आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 25 लाख परिवारों तक पहुंचाना है।
Updated on:
15 Aug 2020 12:38 am
Published on:
14 Aug 2020 11:48 pm
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