
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: बोले सरदार पटेल के पोते- उन्हें पैसे की अहमियत पता, प्रतिमा के लिए मना कर देते
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विश्व की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया। इस समारोह में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। वहीं, सरदार वल्लभ भाई पटेल के रिश्तेदारों ने भी इसे लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पटेल लंबे वक्त से इस सम्मान के हकदार थे। लेकिन उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल अभी जिंदा होते तो वह इस श्रद्धांजलि के लिए कभी तैयार नहीं होते। उन्हें ये सब पैसे की बरबादी लगती।
सरदार पटेल को पैसे की अहमियत पता थी
बता दें कि यह बाते सरदार पटेल के बड़े भाई सोमाभाई पटेल के पोते धीरूभाई पटेल ने कहीं। उन्होंने कहा कि अगर अहम विश्व की सबसे ऊंची इस प्रतिमा के बारे में उनसे पूछते तो वह इसके लिए मना कर देते। उन्होंने बहुत ही साधारण से माहौल में अपना जीवन व्यत्तीत किया है। वह पैसे की अहमियत समझते हैं। धीरूभाई ने कहा कि हमार पूरा परिवार सरदार वल्लभ को मिले इस सम्मान से बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ को यह सम्मान पहले ही मिल जाना चाहिए था, वे इसके हकदार थे। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरदार पटेल ने सुभाष चंद्र बोस के साथ थोड़ा और समय बिताया होता तो वह और ज्यादा ऊंचाइयों पर होते। बता दें कि धीरूभाई परिवार के 36 अन्य सदस्यों के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के कार्यक्रम में मौजूद थे।
सरदार पटेल के आगे मूर्ति कुछ भी नहीं
वहीं, धीरूभाई की 62 वर्षीय बेटी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल ने देश के लिए जो किया, उसके आगे यह प्रतिमा कुछ भी नहीं है। वह मेरे पहले हीरो थे और असल मायनों में वह राष्ट्रपिता हैं। उन्होंने कहा कि मैन उनसे कभी नहीं मिली, लेकिन उनकी बेटी हमारे साथ अहमदाबाद में रही थीं। मैंने उनके बारे में कहानियां सुनी हैं। उनकी हर कहानी प्रेरणादायी है।
Published on:
01 Nov 2018 11:26 am
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