
शराब की होम डिलीवरी को लेकर सुप्रीम सलाह
नई दिल्ली। देशभर में चल रहे कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) के खतरे के बीच सरकार ने लॉकडाउन ( Lockdown ) के तीसरे चरण में शराब की दुकानों ( Liquor Shops ) को खोलने की मंजूरी दी। लेकिन इस मंजूरी के साथ ही देशभर में शराब के दीवानों ने सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing )जैसे नियमों की धज्जियां उड़ा डालीं। नतीजा कई राज्यों में सरकार को शराब की दुकानों को बंद करना पड़ा। इस बीच कुछ राज्यों में शराब की होम डिलीवरी ( Home Delivery ) भी शुरू की गई।
इसी कड़ी में अब सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने भी बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने से तो इनकार किया है। साथ ही राज्यों को शराब की होम डिलीवरी पर विचार करने की सलाह दी है।
देश के सर्वोच्च न्यायल ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें शराब की बिक्री पर रोक लगाने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि वह इस बारे में कोई आदेश नहीं देगी और राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शराब की ऑनलाइन सेल या होम डिलीवरी के बारे में सोचना चाहिए।
कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका का भी निपटारा कर दिया। याचिका में कहा गया था कि शराब की बिक्री से आम आदमी के जीवन पर असर पड़ रहा है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बी.आर.गवई की बेंच ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये इस मामले पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील दीपक साई ने कहा कि शराब की दुकानों के बाहर सामाजिक दूरी को बनाए रखना बेहद मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को इस बारे में सफाई देनी चाहिए। आपको बता दें कि गुरुवार को एप बेस्ड फूड डिलीवरी कंपनी जोमाटो ने कहा था कि वह शराब की घर तक बिक्री करने के बारे में योजना बना रही है।
दरअसल देशभर में लॉकडाउन के पहले चरण यानी 25 मार्च से ही शराब की दुकानें बंद थीं। इसे लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने खोलने की अनुमति दी। लेकिन शराब की दुकानों के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। ऐसे में अब कई सरकारें इससे निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही हैं।
दिल्ली सरकार ने ई-टोकन सिस्टम शुरू किया है ताकि दुकानों के बाहर बेतहाशा भीड़ ना लगे। वहीं पंजाब सरकार शराब की होम डिलीवरी कर रही है।
Published on:
08 May 2020 02:59 pm
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