बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को आदेश जारी किया और कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की खरीद के संबंध में पूरा विस्तृत विवरण अदालत को मुहैया कराएं।
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कोर्ट ने सरकार से तीनों वैक्सीन (कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक V ) के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। शीर्ष अदालत ने सरकार से वैक्सीन के संबंध में जो विवरण मांगे हैं उनमें तीनों वैक्सीन को खरीदने की तारीख, किस तारीख को कितनी वैक्सीन खरीदी गई और वैक्सीन की सप्लाई की संभावित तारीख शामिल है।
इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि देश के शेष आबादी को 1, 2 और 3 चरण में टीका लगाने को लेकर क्या प्लान है? देश के बाकी लोगों को कब और कैसे टीका लगेगा.. इसका पूरा विवरण जमा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने म्यूकरमाइकोसिस की दवा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.. इस पर भी जवाब मांगा है।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18-44 साल के आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण को लेकर अपनाई जा रही नीति पर आपत्ति जताई और “मनमाना और तर्कहीन” करार दिया। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में इस आयु वर्ग के लोग न केवल संक्रमित हो रहे हैं, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु सहित संक्रमण के गंभीर प्रभावों से पीड़ित हो रहे हैं।
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एफिडेविट फाइल करते समय भारत सरकार सुनिश्चित करे कि जरूरी दस्तावेजों की कॉपियां और फाइल नोटिंग्स उसकी सोच को दर्शाती हो और वैक्सीनेशन पॉलिसी में अंतिम परिणाम तक पहुंच रही है। इतना ही नहीं पेश किए दस्तावेजों में सरकार की टीकाकरण नीति साफ स्पष्ट हो।
मालूम हो कि देश में कोविड -19 से जुड़े मुद्दों को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा दायर एक स्वत: संज्ञान मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की खंडपीठ की ओर से यह फैसला जारी किया है। इससे पहले सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर देश में वैक्सीन की कीमत अलग-अलग क्यों है?