
नई दिल्ली। न्यायपालिका में शुक्रवार को उठे विवाद के बवंडर के बाद अब रास्ता निकालने की कोशिशें शुरु हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को कठघरे में खड़ा करने के बाद मामले को सुलझाने के सरकारी प्रयास भी तेज हो गए हैं।
पीएम के सचिव पहुंचे CJI से मिलने
शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सीजेआई दीपक मिश्रा से मिलने पहुंचे। इस बीच अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि उम्मीद है कि पूरा मामला सही ढंग से निपट जाएगा। इन सभी घटनाक्रम को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि देश की न्यायपालिका के सबसे बड़े विवाद को सुलझाने के लिए सरकार इसमें अहम भूमिका निभा रही है।
अटार्नी जनरल बोले मतभेद सुलझा लेंगे
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उपजे विवाद पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि मुझे उम्मीद है, ये सब जल्दी ही ठीक हो जाएगा। शुक्रवार को भी उन्होंने इस मसले पर कहा था कि जो हुआ इससे बचा जा सकता था। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जज मिलकर मतभेदों को दूर कर लेंगे। जजों को अब ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके बीच का मतभेद पूरी तरह खत्म हो ताकि भविष्य में उनके बीच आपसी समझ और बेहतर रिश्ते जारी रह सके।
बार एसोसिएशन ने बुलाई बैठक
इसी मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बैठक बुलाई है। एसोसिएशन ने कहा कि न्यायपालिका को लेकर देशवासियों में किसी भी तरह का भ्रम ठीक नहीं है।
नृपेन्द्र मिश्रा के CJI से मिलने पर उठे सवाल
कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के संवाददाता सम्मेलन कर देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा की कामकाज की शैली को कठघरे में खड़ा किये जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा के मुख्य न्यायाधीश से मिलने उनके घर जाने पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला उन्होंने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा मुख्य न्यायाधीश के निवास 5-कृष्णा मेनन मार्ग गए हैं। प्रधानमंत्री को अपने विशेष दूत को मुख्य न्यायाधीश के घर भेजने का कारण बताना चाहिए।
शुक्रवार को शुरु हुआ विवाद
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने एक साथ प्रेस कॉंफ्रेंस की। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को लेकर मुख्य न्यायाधीश से बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हुए।
Updated on:
13 Jan 2018 03:51 pm
Published on:
13 Jan 2018 12:10 pm
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