
सुप्रीम कोर्ट एक महीने बाद करेगी विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने संबंधी याचिकों पर सुनवाई
नई दिल्ली। विदेशों ( Abroad ) में फंसे भारतीयों ( Indian ) को वापस लाने संबंधी सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने चार हफ्ते के लिए टाल दिया है। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव ( Community Transmision ) को रोकने के मकसद से लिया है। दरअसल कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों का लॉकडाउन ( Lock Down ) लागू है। हालांकि इसकी अवधि 14 अप्रैल मंगलवार को खत्म हो रही है लेकिन सभी राज्यों ने पीएम मोदी ( pm modi ) से मांग की है कि इसे दो हफ्ते के लिए आगे बढ़ाया जाए।
ऐसे में 14 अप्रैल की सुबह 10 बजे पीएम मोदी लॉकडाउन को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने विदेशों में फंसे भारतीय को लाने की याचिका को चार हफ्ते के लिए टालना भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर के कई देशों में लॉकडाउन चल रहा है। लगभग सारी विमान सेवाएं बंद हैं। ऐसे में भारत के भी कई नागरिक दूसरे देशों में फंसे हैं।
लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा हालात में विदेश में फंसे लोगों को वापस लाने का आदेश वे सरकार को नहीं दे सकते हैं।
आपको बता दें कि ईरान, इराक, अमरीका, इंग्लैंड और दूसरे देशों में फंसे लोगों को भारत वापस लाने वाली कई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है।
सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी जो जहां है, उसका वहीं रहना उचित है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अभी सबको ले आना संभव नहीं हो सकता।
लोग सरकार के पास इसको लेकर आवेदन दें सकते हैं। जहां संभव होगा सरकार ज़रूरी कदम उठाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार जनवरी से ही लगातार विदेश में फंसे नागरिकों को स्वदेश ला रही है।
जनवरी में ही चीन के वुहान में फंसे नागरिकों को एयरलिफ्ट कराया गया था। इसके बाद ईरान से भी कई लोगों को वापस लाया गया है।
इन्हें वापस ला कर सरकार हर किसी को करीब दो हफ्ते तक आईसोलेशलन में रखती है।
Updated on:
13 Apr 2020 05:02 pm
Published on:
13 Apr 2020 04:10 pm
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