
नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी विभिन्न अधिसूचनाओं में आधार को विभिन्न योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाने के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।
सरकार ने आधार जोड़ने के लिए कुल 139 अधिसूचनाएं जारी की हैं
सरकार ने अभी तक कई योजनाओं जैसे छात्रों द्वारा दी जानेवाली परीक्षा, छात्रवृत्ति, अंतिम संस्कार और एचआईवी मरीजों के इलाज के लिए आधार को जोड़ने का निर्देश दिया था।सरकार ने विभिन्न योजनाओं से जोड़ने को लेकर कुल 139 अधिसूचनाएं जारी की है, जिसमें इसे मनरेगा से लेकर पेंशन योजना और प्रोविडेंड फंड से लेकर प्रधानमंत्री जन धन योजना तक को जोड़ने का निर्देश दिया गया है।
केंद्र ने बढ़ा दी है समयसीमा
हालांकि इस सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने बैंक खातों समेत अन्य कई योजनाओं के लिए आधार कार्ड लिंक करने की डेडलाइन को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। लेकिन फिलहाल मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने की तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई है। इसके लिए पहले से तय तारीख यानी 6 फरवरी तक का ही समय है।
करीब साढ़े तीन घंटे सुनवाई के बाद फैसला आज
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले में राहत की मांग को लेकर गुरुवार को सुनवाई की थी।यह सुनवाई करीब साढ़े तीन घंटों तक चली इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा है। इसमें विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने आधार को निजता के अधिकार का मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी थी, जिस पर नियमित सुनवाई अगले साल 10 जनवरी से शुरू होगी। कोर्ट ने संभावना जताई थी कि नया बैंक खाता खोलने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की सरकार की याचिका भी शुक्रवार को ही फैसला सुनाएगी।
दोनों पक्षों में हुई कजमकर बहस
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि नए बैंक खाता खोलने के लिए आधार को जोड़ने की अनुमति दी जाए। इसके विपरीत, याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि किसी वर्तमान खाता धारक द्वारा नए खाता धारक के परिचय की प्रणाली पिछले सात दशकों से चल रही है, तो अगले तीन महीनों तक इसे जारी रखने की अनुमति देने से कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
Published on:
15 Dec 2017 09:36 am
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