यही नहीं पुरी मंदिर को भी बेहद प्रतिबंधित यात्रा करने का आदेश दिया गया है। ओडिशा सरकार के आदेश में हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर वकील जितेंद्र महापात्र ने कहा कि पुरी के अलावा केंद्रपाड़ा यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए, कई याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अन्य मंदिरों को भी जगन्नाथ पुरी मंदिर की तरह ही रथ यात्रा करने की अनुमति दी जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए मंजूरी नहीं दी।
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Sputnik V भी मुफ्त में लगाएगी सरकार, सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध कराने के साथ जानिए क्या है पूरा प्लान सुप्रीम कोर्ट ने पूरे ओडिशा में रथ यात्रा निकालने पर पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने सिर्फ पुरी में जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे राज्य में रथ यात्रा निकालने वाली दायर याचिका को खारिज कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए ओडिशा सरकार के आदेश से सहमत है। दरअसल ओडिशा सरकार ने सिर्फ पुरी में रथ यात्रा की अनुमति दी है। जबकि अन्य सभी जगन्नाथ मंदिरों को मंदिर परिसर में ही अनुष्ठान की इजाजत दी गई है।
ओडिशा सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं। इन याचिकाओं के जरिए बारीपदा, सासांग और ओडिशा के अन्य शहरों में रथ यात्रा की अनुमति मांगी गई थी। हालांकि देश की शीर्ष अदालत ने रथ यात्रा निकालने की मंजूरी नहीं दी।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दी ये दलील
याचिकाकर्ता के वकील एके श्रीवास्तव की ओर से दलील दी गई है, कि पिछले वर्ष इतिहास में पहली बार हमें धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार से वंचित किया गया था। यही वजह है कि इस वर्ष हमने पहले से ही पाबंदियों के मुताबिक तैयारी की।
हम अपने मंदिर में रथ यात्रा करना चाहते हैं, नीलगिरि, सत्संग, बारीपदा में जगन्नाथ मंदिरों ने रथ यात्रा के लिए पुरी मंदिर के समान अनुमति मांगी।
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याचिकाकर्ताओं के दलीलें सुनने के बाद मुख्यन्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, सरकार ने कोविड की स्थिति का मूल्यांकन किया है। ऐसे में हमारे दखल देने का सवाल ही नहीं है, मैं खुद पूजा के लिए जाता था, उम्मीद है कि अगले साल भगवान हमें देखने देंगे, तब तक टीवी पर देखिए।