अब उत्तरी सेना की संभाल रहे जिम्मेदारी स्ट्राइक-1 कोर निशाने पर हर वक्त पाकिस्तान देश के तीन हमलावर बलों में से सेना की उत्तरी कमान यानी स्ट्राइक-1 कोर का पहला स्थान है। यहां उन जवानों की तैनाती होती है तो हर वक्त पाकिस्तान में घुसकर हमला करने के लिए तैयार रहते हैं। भारतीय सेना में इस कमान को प्रमुख स्थान हासिल है। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू की जगह यह जिम्मेदारी दी गई है।
यह भी पढ़े: जम्मू कश्मीर जा रहे 10 बीएसएफ जवान रास्ते से गायब, मची अफरा-तफरी आतंककाद रोधी अभियान के हीरे सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को आतंककाद रोधी अभियानों में महारत रखने वाला माना जाता है। सिंह के सिर से बचपन में पिता का साया उठ गया था। उनका लालन-पालन उनके चाचा मनमोहन सिंह ने किया. जो खुद सेना में कर्नल के पद पर थे।
हो सकते हैं अगले सेना प्रमुख सूत्रों की माने तो जनरल बिपिन रावत के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को सेना प्रमुख के दावेदारों में अग्रणी माना जा रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह पंजाब के जालंधर जिले के रहने वाले हैं और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे के कैडेट रहे हैं। अभी वह सेना मुख्यालय में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सूचना प्रणाली और प्रशिक्षण ) हैं। इससे पहले वह सेना की स्ट्राइक कोर के प्रमुख भी रह चुके हैं।
दुनिया ने देखा था भारत का दम सर्जिकल स्ट्राइक में दिखाया था दुनिया को दम जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने 29 सितम्बर 2016 सीमा पार आतंकवादियों के गढ़ में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें बडी संख्या में आतंकवादी मारे गये थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह उस समय सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे और उन्होंने ही दुनिया भर के सामने एलान किया था कि भारत ने आतंकवादियों को करारा जवाब देते हुए उन्हें उनके ही गढ़ में जाकर मारा है। ले. जनरल सिंह के डीजीएमओ रहते हुए ही भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में कार्रवाई कर बडी संख्या में नगा विद्रोहियों का खात्मा किया था।