7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का हो रहा सफाया, जून 2021 तक 32 फीसदी कम हुईं आतंकवादी घटनाएं

केंद्र सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षो में आतंकी घटनाओं की संख्या में भारी कमी आई है। जून, 2020 तक की इसी अवधि की तुलना में जून 2021 तक आतंकी घटनाओं में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है।

3 min read
Google source verification
jammu_kashmir.jpg

Terrorist Incidents In Jammu Kashmir Reduced By 32 Percent In One Year: Center Govt

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का सफाया करने के लिए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑलआउट शुरू किया है और अब तक सैंकड़ों आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। अब केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ी जानकारी दी है। केंद्र ने बुधवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षो में आतंकी घटनाओं की संख्या में भारी कमी आई है। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि जून, 2020 तक की इसी अवधि की तुलना में जून 2021 तक आतंकी घटनाओं में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है।

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि 2019 की तुलना में 2020 के दौरान आतंकवादी घटनाओं की संख्या में 59 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक परिवहन, सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थान और अन्य सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें :- आतंकी सलाहुद्दीन के बेटों के सपोर्ट में उतरीं महबूबा मुफ्ती, बोलीं- पिता के गुनाहों की सजा बच्चों को क्यों?

नित्यानंद राय ने बताया कि सरकार ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और विभिन्न उपाय किए हैं, जैसे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कानून प्रवर्तन, आतंकवादी संगठनों द्वारा पेश की गई चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज करना।

सुरक्षा बल उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखते हैं जो आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने का प्रयास करते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हैं। सरकार ने युवाओं को मुख्यधारा में लौटने में मदद करने के लिए नीतियों को लगातार प्रोत्साहित किया है, जिसमें उन्हें आतंकवाद से दूर करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना शामिल है।

सरकार ने भारी संख्या में तैनात किए हैं सुरक्षाबल

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में काउंटर इंसर्जेंसी ग्रिड को बढ़ाने, आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
संजय राउत द्वारा उठाए गए एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, गृह राज्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 1990 में स्थापित राहत कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं, जिन्हें सुरक्षा चिंताओं के कारण 1990 से घाटी से स्थानांतरित करना पड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि इनमें से पंजीकृत हिंदू प्रवासी परिवारों की संख्या 39,782 है।

'कश्मीरी पंडित अब कर रहे हैं अधिक सुरक्षित महसूस'

कश्मीरी पंडितों को लेकर नित्यानंद राय ने कहा कि वे लोग अब अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हाल के दिनों में अधिक सुरक्षित महसूस किया है, जैसा कि इस तथ्य से स्पष्ट है कि 3,841 कश्मीरी प्रवासी युवा कश्मीर वापस चले गए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कश्मीर के विभिन्न जिलों में नौकरी की है।

यह भी पढ़ें :- Jammu Kashmir: बांदीपोरा के संबलर में सुरक्षाबलों को सफलता, एनकाउंटर में मार गिराए दो आतंकी

अन्य 1997 उम्मीदवारों को अप्रैल, 2021 में उसी पैकेज के तहत नौकरियों के लिए चुना गया है, और वे जल्द ही कश्मीर चले जाएंगे। यह उल्लेख करना भी उचित है कि 26,684 कश्मीरी प्रवासी युवाओं ने उपरोक्त संदर्भित 1997 पदों के लिए आवेदन करके घाटी में वापस जाने के लिए रुचि दिखाई है, जिसे दिसंबर, 2020 में जम्मू और कश्मीर के भर्ती बोर्ड द्वारा विज्ञापित किया गया था।

सरकार ने कश्मीर वापस चले गए इन कश्मीरी प्रवासियों को आवासीय आवास प्रदान करने के लिए एक व्यापक नीति भी तैयार की है। उनके लिए त्वरित गति से 6,000 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है। पहले से ही, इन कर्मचारियों द्वारा 1,000 आवासीय इकाइयों का उपयोग किया जा रहा है। कश्मीरी पंडितों और डोगरा हिंदू परिवारों सहित लगभग 900 ऐसे परिवार कश्मीर में रह रहे हैं। जहां तक कश्मीर से कभी पलायन नहीं करने वालों का संबंध है, सरकार ने उन्हें कश्मीरी प्रवासियों के लिए रोजगार पैकेज में शामिल करने की अनुमति दी है। इसके अलावा, उन्हें कश्मीर में अन्य के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के सभी लाभ मिल रहे हैं।

'सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए हैं आवश्यक कदम'

केंद्र के अनुसार, सरकार ने लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। इनमें आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान, जमीनी स्तर पर अलगाववादी एक्टिविस्ट की पहचान और गिरफ्तारी, आतंकवाद के समर्थक, प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई, नाके लगाकर आवाजाही पर निगरानी से लेकर गहन रात्रि गश्ती, उचित तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बैठकें, उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखना आदि शामिल हैं।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग