
नए साल में टेस्ला भारतीय बाजर में देगी दस्तक
नई दिल्ली। दुनिया की बड़ी कंपनियों में शुमार टेस्ला ( Tesla ) नए साल में भारतीय बाजार में अपना श्रीगणेश करेगी। बताया जा रहा है कि जनवरी से देश में वह अपनी कारों की प्री—बुकिंग शुरू करेगी। जबकि पहली डिलिवरी की उम्मीद अप्रेल में की जा रही है। खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एक कार्यक्रम में टेस्ला के भारत आने की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि टेस्ला भारत में अगले साल से परिचालन शुरू करेगी। हालांकि कई भारतीय कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम कर रही हैं। इन वाहनों की कीमत कम रह सकती है लेकिन तकनीकी तौर पर यह उतने ही एडवांस्ड होंगे, जितने कि टेस्ला के वाहन।
गडकरी ने कहा कि पहले चरण में टेस्ला कारों की बिक्री करेगी और उसके बाद उनके असेंबलिंग और उत्पादन पर भी विचार कर रही है।
एलन मस्क भी कर चुके हैं कन्फर्म
रविवार को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ट्विटर पर भारत को लेकर कंपनी के प्लान्स के बारे में ट्वीट करते हुए नजर आए। अक्टूबर में उन्होंने 2021 में भारत आने के संकेत दिए थे, लेकिन आधिकारिक तौर पर पहली बार यह बात सामने आई है।
शर्त ने धकेला पीछे
भारत में टेस्ला कारों के फैन्स लंबे वक्त से इन कारों की देश में बिक्री शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। एलन मस्क का कहना है कि भारत में कार मैन्युफैक्चरिंग में लागू शर्त कि 30 फीसदी मैटेरियल स्थानीय होना चाहिए, ने टेस्ला के भारतीय बाजार में उतरने के प्लान को पीछे धकेला है।
659 अरब डॉलर मार्केट कैप
टेस्ला दुनिया की दिग्गज कार मैन्युफैक्चरर्स में शामिल है। कंपनी का मार्केट कैप इस वक्त 659 अरब डॉलर है। 2019 की चौथी तिमाही में टेस्ला का रेवेन्यु 7.38 अरब डॉलर रहा। 2020 में भी टेस्ला की ग्रोथ जारी है। हाल ही में कंपनी को एसएंडपी 500 इंडेक्स में जगह मिली है।
ऑनलाइन बिकेगी कार
टेस्ला मॉडल—3 के लिए प्री-बुकिंग खोलेगा। कार का आयात चीन से होगा, जबकि यहां ऑनलाइन ही बेची जाएगी। डीलरशिप के माध्यम से कारों की बिक्री नहीं होगी। हालांकि कंपनी ने अभी तक अपने प्लान को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है।
2030 का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
नीति आयोग के लक्ष्य के मुताबिक 2030 तक सभी वाणिज्यिक कारों की 70 प्रतिशत, निजी कारों की 30 प्रतिशत, बसों की 40 प्रतिशत और दोपहिया व तिपहिया वाहनों की 80 प्रतिशत बिक्री ईवी की होगी। मार्च 2020 के अंत तक भारत में पंजीकृत ईवी की कुल संख्या पांच लाख थी।
माना जा रहा है कि 2030 तक सभी वाहन खंडों में कुल बिक्री 10 करोड़ से अधिक हो सकती है और तब तक 158 गीगावॉट की अनुमानित वार्षिक बैटरी क्षमता की आवश्यकता होगी।घरों में स्थित निजी चार्जिंग पॉइंट के अतिरिक्त 29 लाख से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट की जरूरत होगी।
नए साल में यह भी आएंगी
1. महिंद्रा ईएक्सयूवी300
2. महिंद्रा सुजुकी वैगनआर ईवी
3. टाटा अल्ट्रोज ईवी
4. महिंद्रा ईकेयूवी 100
5. टाटा एचबीएक्स इलेक्ट्रिक
Published on:
29 Dec 2020 10:16 am
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