
IPS Ajaypal Lamba द्वारा रेप मामले में सख्ती से पूछताछ करने के दौरान आसाराम ने अपनी गलती स्वीकार की थी।
नई दिल्ली। धार्मिक प्रवचन, सत्संग सहित कई अनैतिक व गैर कानूनी कार्यों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले आसाराम ( Asaram ) एक फिर चर्चा में हैं। इस बार उनकी चर्चा राजस्थान आईपीएस कैडर के आईपीएस अधिकारी अजयपाल लांबा ( IPS Ajaypal Lamba ) द्वारा लिखी किताब की वजह से हैं। रेप के दोषी करार दिए गए आसाराम बापू ( Asaram Bapu ) पर लांबा की किताब की 5 सितंबर को लॉन्च होगी।
आईपीएस अधिकारी अजयपाल लांबा ने बाबा आसाराम पर गनिंग फॉर द गॉडमैन : द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापूज कॉन्विक्शन ( Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction ) नाम से किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने आसाराम की गिरफ्तारी के दौरान की भागमभाग, मीडिया को चकमा देने के लिए रची गई कहानियां और आसाराम के गुनाह कबूलने वाला बयान का भी पूरा जिक्र किया है।
इस किताब में इस बात का दावा किया गया है कि आसाराम बातचीत में कबूल किया था कि उसने गलती कर दी।
दरअसल, इस किताब के लेखक आईपीएस अजयपाल लाम्बा ने 2013 में उस पुलिस टीम की कमान संभाली थी, जिसने आसाराम की गिरफ्तारी की थी। अरविंद माथुर इस किताब के सह लेखक और हॉर्पर कोलिन्स ने इस किताब को प्रकाशित किया है।
आसाराम ने माना - मैंने गलती कर दी
पुस्तक में आईपीएस के द्वारा सख्ती से पूछताछ के दौरान आसाराम और पुलिस के बीच हुई बातचीत का जिक्र कुछ इस तरह है। बाबा तू ये बता की ये सब क्या कर डाला तूने, जल्दी बता, आईपीएस लांबा ने थोड़े कर्कश टोन में उससे पूछा। इसके जवाब में बाबा ने जो कहा वह चौंकाने वाला है। बाबा ने कहा हां, मैंने गलती कर दी, गलती कर दी मैंने। किताब को फिलहाल अंग्रेजी में लिखा गया है। अजयपाल लांबा ने बताया कि किताब को हिंदी में भी पब्लिश किया जा सकता है।
वकालत से जुड़े लोगों के काम आ सकती है किताब
आईपीएम अधिकारी लांबा ने आसाराम को सजा मुकर्रर होने के बाद इस पर किताब लिखने का ख्याल आया। ड्यूटी के अलावा जब भी समय मिलता, रोज कुछ लिखना शुरू किया। अब वो ही अनुभव किताब का रूप ले चुके हैं। केस की इन्वेस्टिगेशन से कन्विक्शन तक की प्रक्रिया पुलिस और वकालत के पेशे से जुड़े लोगों के लिए काम आ सकती है।
बाबा ने दी थी इस बात की धमकी
राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी लांबा कहते हैं कि आसाराम तथाकथित संत था, जिसके करोड़ों अनुयायी हैं। उसके खिलाफ नाबालिग से ज्यादती के मामले की जांच और गिरफ्तारी ने बतौर डीसीपी (वेस्ट) के रूप में कई मोड़ दिखाए। कई नए अनुभव भी दिए। जब तथाकथित बाबा को पकड़ा तो आसाराम ने ऊपर से प्रेशर डलवाने की धमकी दी।
बाबा के इस चेतावनी के बाद मैंने फोन ही बंद कर दिया। यह मामला बच्ची से ज्यादती का था। इसलिए मैं बाबा को कोई रियायत देने के मूड में नहीं था।
बाबा ने की पोटेंसी टेस्ट से बचने की कोशिश
किताब में लांबा ने इस बात का भी जिक्र किया है कि आसाराम ने खुद को नपुंसक साबित करके बचने की कोशिश की। तब उसके पोटेंसी टेस्ट करवाने की बात आई। टेस्ट कराने को लेकर पुलिस के कई उच्च अधिकारियों में मतभेद था।
इसके बावजूद जांच अधिकारी की पहल पर स्थानीय अधिकारियों ने सहमति जताई। टेस्ट करवाया, और आसाराम का बहाना झूठा साबित हो गया। इससे केस को मजबूती मिली। जब दो साल पहले सजा हो गई, तो लगा कि पीड़िता को न्याय दिलाने में मेहनत काम आई।
आईपीएस लांबा ने बताते हैं कि बीते दो साल में दिल्ली से मिली एफआईआर से लेकर सजा होने तक... हर पल को याद किया और ऐसे मामलों में जांच के लिए पुलिस और सजा दिलाने के लिए वकीलों की मदद के लिए मैंने किताब ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन लिखी।
Updated on:
31 Aug 2020 11:48 am
Published on:
31 Aug 2020 11:24 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
