नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के कारण आम जनता में दहशत का माहौल है। कई राज्यों में हालात बेहद खराब हैं। लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकारी लापरवाही के कारण जनता की दिक्कतें और बढ़ रही हैं। इस तरह का एक मामला हिमाचल के चंबा जिले से आया है। यहां पर जिला मुख्यालय में जलशक्ति विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
भारी-भरकम बिल थमाया
पेयजल और सीवरेज के तीन-तीन माह के बिलों को उपभोक्ताओं के पास भेज दिया गया है। चंबा वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान अश्वनी भारद्वाज ने विभाग से सवाल उठाए हैं कि उपभोक्ताओं को तीन-तीन माह के बिलों को एक साथ भेजना परेशान करने वाला है। ऐसे हालात में उपभोक्ता एक साथ तीन माह का भारी-भरकम बिल का भुगतान कैसे कर सकेगा।
सार्वजनिक अवकाश को भुगतान का अंतिम दिन बताया
उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि उन्हें प्रतिमाह के हिसाब से बिल दिए जाएं। दरअसल जलशक्ति विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी से मार्च के तीन माह के भुगतान की अंतिम तारीख 15 अप्रैल ऐलान की गई। वहीं 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस का सार्वजनिक अवकाश रहता है।
41 रुपये जुर्माने के रूप में मांगे
भारद्वाज ने बताया कि इस दौरान कुछ उपभोक्ता जब 16 अप्रैल को बिल का भुगतान करने पहुंचे तो उनसे 41 रुपये जुर्माने के रूप में मांगे गए, जो अनुचित है। अब चंबा वेलफेयर एसोसिएशन ने जनहित में विभाग के आला अधिकारियों के संज्ञान में इस लापरवाही को उजागर किया है। उन्होंने आग्रह किया कि नाजायज तरीके से वसूला गया जुर्माना उपभोक्ताओं के अगले बिल के भुगतान के साथ एडजस्ट किया जाए, ताकि उन्हें राहत दी जा सके। एसोसिएशन का कहना है कि महामारी के कारण लोग पहले ही आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। काम-धंधे पूरी तरह से ठप पड़े हैं। गरीब लोगों को परिवार चलाना कठिन है, ऐसे समय में एकसाथ तीन माह का बिल भरने में कई लोग असमर्थ हैं।
Published on:
21 Apr 2021 09:38 am