
1992 के बाद पहली बार रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party ) के प्रति भारतीयों का रुझान बढ़ा।
नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) कोरोबारी लेनदेन में ही नहीं, कूटनीतिक मोर्चे पर भी जंग जीतने में माहिर हैं। सीमा विवाद ( Border Dispute ) के मुद्दे पर चीन ( China ) के खिलाफ भारत ( India ) का साथ देकर अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इंडियन डायसपोरा ( Indian Diaspora ) का भारी समर्थन हासिल कर लिया है।
अभी तक अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में डेमोक्रैट ( Democrat ) का समर्थन करने वाले भारतीयों ने चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर ट्रंप के रुख को देखते हुए पहली बार रिपब्लिकन पार्टी को वोट करने का संकेत दिया है।
दरअसल, अमरीका के राष्ट्रपति पद के नवंबर में होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party ) के उम्मीदवार एवं मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) के समर्थन में आयोजित ‘हिंदूज4ट्रम्प’ डिजिटल रैली को रिकॉर्ड संख्या में एक लाख से अधिक भारतीय-अमरीकियों ने देखा। इससे ट्रंप जहां खुश हैं वहीं डेमोक्रैट को झटका लगा है।
बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रम्प के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी ( Democratic Party ) की ओर से जो बाइडेन ( Joe Biden ) चुनावी मैदान में हैं।
ट्रंप विक्ट्री इंडिया अमरीकन फाइनेंस कमेटी के उपाध्यक्ष अल मैसन ( Trump Victory India American Finance Committee Vice President Al Masson ) ने रविवार को डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले छह महीने का उनका अनुसंधान बताता है कि 1992 से राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के लिए मतदान करते आ रहे भारतीय-अमरीकी पहली बार रिपब्लिकन उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।
मैसन ने ‘अमेरिकन4हिंदू’ द्वारा आयोजित ‘हिंदूज4ट्रम्प’ डिजिटल रैली को संबोधित किया।उन्होंने इस डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों और समूहों पर करीब 30,000 लोगों ने रैली का सीधा प्रसारण देखा और इसके बाद करीब 70,000 लोगों ने इसे ऑनलाइन देखा।
मैसन ने कहा कि भारतीय-अमरीकी मतदाताओं के रिपब्लिकन पार्टी की ओर झुकाव का सीधा मतलब है कि वो राष्ट्रपति ट्रंप ( President Trump ) से प्यार करते हैं।
अल मैसन ने कहा कि सितंबर 2019 में हाउडी मोदी कार्यक्रम हुआ था। तब पूरी दुनिया कश्मीर के बारे में बात कर रही थी। उस समय केवल राष्ट्रपति ट्रम्प ने ह्यूस्टन में रैली करने की हिम्मत की और उन्होंने एक बार भी कश्मीर शब्द का जिक्र नहीं किया। उन्होंने भारत के आतंरिक हिस्से में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। बता दें कि उक्त रैली को पीएम मोदी ने भी संबोधित किया था।
मैसन ने कहा कि इसी तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में ट्रंप ने ड्रैगन ( Dragon ) खिलाफ सख्त रुख अनाया और भारत के पक्ष में खुलकर खड़े हैं, जो इंडियन डायसपोरा को अच्छा लगा है।
अमरिकन4हिंदू के सह-संस्थापक एवं सह-अध्यक्ष राज भयानी ने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन में अधिक से अधिक भारतीय-अमरीकियों के मत हासिल करने के लिए तन, मन और धन से काम करेंगे।
Updated on:
20 Jul 2020 06:03 pm
Published on:
20 Jul 2020 06:01 pm
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