
UGC informs about College reopen, first year classes to start in November, No winter-summer breaks
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर में कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष के छात्रों या फ्रेशर्स के लिए शैक्षणिक कैलेंडर को एक बार फिर संशोधित किया है। यूजीसी के नवीनतम कैलेंडर के मुताबिक फ्रेशर्स के लिए शैक्षणिक सत्र अब सितंबर के बजाय नवंबर में शुरू ( College Reopen ) होगा और इसमें हुई देरी अगले शैक्षणिक सत्र तक को भी प्रभावित करेगी।
अगर नवंबर तक स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने पर गृह मंत्रालय की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं होता है, तो फ्रेशर्स अपनी कॉलेज की पढ़ाई ऑनलाइन शुरू कर देंगे। इससे पहले यूजीसी ने अप्रैल में कॉलेजों के लिए एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें परीक्षा को लेकर दिशा-निर्देश, पढ़ाई का तरीका और फिर से खोलने का कार्यक्रम था। उस वक्त सितंबर में कॉलेजों को फिर से खोलने की योजना थी, लेकिन कोरोना वायरस मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए सत्र को नवंबर तक विलंबित कर दिया गया है।
नवीनतम दिशा-निर्देशों को सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को सोमवार को सूचित किया गया। संशोधित कैलेंडर बताता है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी होनी चाहिए और पहले सेमेस्टर के लिए कक्षाएं 1 नवंबर से शुरू होनी चाहिए। समान बैच के लिए 2021 में कक्षाओं में देरी होंगी। इसके चलते ये छात्र 30 अगस्त 2021 से दूसरे वर्ष में जाएंगे।
छह दिन का सप्ताह, कोई गर्मी-सर्दी की छुट्टी नहीं
अकादमिक समय के नुकसान की भरपाई के लिए, यूजीसी ने कॉलेजों को अगले दो शैक्षणिक सत्रों के लिए बिना किसी गर्मी या सर्दियों के अवकाश के सप्ताह में छह दिन पढ़ाने के लिए कहा है।
यूजीसी ने कॉलेजों को सूचित किया, "नियंत्रण से परे हालात के कारण शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के पहले वर्ष की शुरुआत देरी से हुई है, लेकिन इस अवधि के नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ब्रेक (ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन आदि) को रोक दिया जाए। यह सुनिश्चित करेगा कि ये छात्र अपने 3 साल के यूजी/पीजी कार्यक्रम को समय पर पूरा करेंगे।"
इसमें कहा गया है, "छात्रों के इस बैच के नुकसान की भरपाई के लिए सभी विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-2022 के लिए 6 दिन के सप्ताह के पैटर्न का पालन कर सकते हैं।"
आयोग ने कॉलेजों से यह भी कहा है कि अगर कोई छात्र 30 नवंबर से पहले दाखिला वापस लेता है तो वह फीस का पूरा रिफंड पा सकता है। दिशा-निर्देशों में कहा गया, "लॉकडाउन और संबंधित कारकों के कारण माता-पिता के सामने आई वित्तीय कठिनाई से बचने के लिए 30 नवंबर 2020 तक विशेष मामले के रूप में इस सत्र के लिए सभी छात्रों के प्रवेश/माइग्रेशन को रद्द करने पर फीस का पूरा रिफंड किया जाएगा।"
इसमें आगे कहा गया, "स्पष्ट करने के लिए 30 नवंबर 2020 तक रद्द/माइग्रेशन के आधार पर सभी शुल्क सहित पूरी फीस (शून्य रद्द शुल्क) में वापस कर दी जाएगी। इसके बाद 31 दिसंबर 2020 तक प्रवेश रद्द/वापस लेने पर एक छात्र से एकत्र की गई पूरी फीस को प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1000 रुपये से अधिक की कटौती ना करते हुए पूरी तरह से वापस कर दिया जाएगा।"
Updated on:
23 Sept 2020 07:28 pm
Published on:
23 Sept 2020 05:55 pm
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