दरअसल इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों की मानें तो पिछले कुछ समय में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन बनाने वाले सामानों की कीमत काफी बढ़ रही है इनमें एल्यूमीनियम, स्टील, प्लास्टिक, जिंक और फोमिंग एजेंट प्रमुख रूप से शामिल है। ऐसे में कंपनियां अपने ऊपर बढ़ते भार को कम करने के लिए कीमतों में इजाफा करने के मूड में हैं।
सामानों के दामों में तेजी के साथ-साथ कंपनियों को समुद्र के रास्ते माल ढुलाई करना भी महंगा पड़ रहा है। माल ढुलाई में 40 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी ने कंपनियों पर भार बढ़ा दिया है।
कोरोना संकट के बीच दुनिया भर में टेलीविजन पैनल के उत्पादन में कमी आई है और इसके दाम 30 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।
कंपनियों की मानें तो पिछले कुछ महीनों से कोरोना काल के चलते उन्होंने अपने ऊपर बढ़ रहे कीमतों के भार के बाद भी बाजार में दामों का इजाफा टाल रखा था, लेकिन अब इसे ज्यादा दिन रोकना संभव नहीं है। फेस्टिव सीजन में भी कंपनियों ने संतुलन बनाए रखने और लंबे समय से रुकी हुई खरीदारी को रोकने के लिए दामों को बढ़ोतरी नहीं की थी।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कमल नंदी ने एक मीडिया संस्थान को इंटरव्यू में कहा कहा कि सभी कमोडिटी की कीमतें बढ़ गई हैं। ऐसे में इजाफे को रोकना मुश्किल हो रहा है। हो सकता है पहली बार में ही कीमतों में 20 फीसदी तक का इजाफा हो।