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पत्रिका फैक्ट चेक: क्या सरकार कोविड-19 के कारण प्रभावित कलाकारों को देगी राहत पैकेज, जानें सच्चाई?

वहीं सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक खबरों की भरमार है। सोशल प्लटफॉर्म पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि भारत सरकार कोविड के कारण प्रभावित कलाकारों के लिए राहत योजना की घोषणा की है।  

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पत्रिका फैक्ट चेक: क्या सरकार कोविड-19 के कारण प्रभावित कलाकारों को देगी राहत पैकेज, जानें असली सच्चाई?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है। पिछले 50 से ज्यादा दिनों से पूरा देश बंद पड़ा हुआ। देश में लॉकडाउन 3 लागू है। हालांकि कोरोना संकट से चौपट हो हो रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने बड़ी राहत पैकेज की घोषणा की है। सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया है। वहीं सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक खबरों की भरमार है। सोशल प्लटफॉर्म पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि भारत सरकार कोविड के कारण प्रभावित कलाकारों के लिए राहत योजना की घोषणा की है।

दावा- सरकार ने कोविड के कारण प्रभावित कलाकारों के लिए राहत योजना का ऐलान किया

तथ्य- खबर पूरी तरह से झूठी।

क्या है वायरल मैसेज ?

दरअसल पत्रिका के व्हाट्सएप नंबर पर एक जागरूक यूजर्स ने मैसेज भेजकर जानने की कोशिश की वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि यह संदेश केवल प्रदर्शन करने वाले कलाकारों (सभी श्रेणियों) के लिए वर्तमान स्थिति के कारण बहुत बुरी तरह से पीड़ित है। जो सभी ईमेल द्वारा अपना निम्नलिखित विवरण भेजें। 1 सेक्रेटरी
@sangeetnatak.govi.in 2 secy-culture@nic.in जैसे कई ट्विटर दिए गए हैं। मैसेज में लिखा गया है कि संस्कृति मंत्रालय से राहत पाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में उनके द्वारा घोषणा की । आप व्यक्तिगत क्षमता समूह लिख सकते हैं या एक समूह अपने कलाकारों के विवरण का सामूहिक रूप से से भेज सकते हैं। आपके भेजे गए विविरण हैं 1 कलाकार का नाम। 2. पितृत्व। 3 पूरा पता। 4. आप जिस कला से जुड़े हैं उसका विवरण। 5. सेल नंबर और ईमेल।6. बैंक का नाम और शाखा का पता। 7. खाता संख्या । 8 IFSC कोड।

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क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई?

पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने जब इसकी पड़ताल शुरू की । फैक्ट चेक टीम ने सबसे पहले संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट और मंत्री के ट्विटर हैंडल को सर्च किया जिसपर ऐसा कोई मैसेज नहीं मिला। उसके बाद गृह मंत्रालय की वेबसाइट को भी खंगाला । वहां भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया था। साथ ही गूगल पर इस खबर की तहकीकात की उसमें भी कहीं पर ऐसी बात नहीं लिखी हुई थी। पता चला कि यह वायरल मैसेज पूरी तरह से गलत है और जालसाजों द्वारा पैसे ऐंठने के लिए इस तरह की हरकत की गई है। पत्रिका अपने पाठकों से अपील करता है कि ऐसी खबरों पर बिलकुल ध्यान नहीं दें।

PIB ने खबर को गलत करार दिया

वहीं भारत सरकार की प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है। पीआईबी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। कृपया जालसाजों से सावधान रहें।