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सीनियर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील का कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष पद से इस्तीफा

शाहिद जमील को कोरोना महामारी (SARS-CoV-2 वायरस) के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने का जिम्मा सौंपा गया था। हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी।

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Shahid Jameel

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नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। इस बीच सीनियर वायरोलॉजिस्ट
शाहिद जमील ने SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इस्तीफा किन कारणों से दिया गया है। हाल ही में शाहिद जमील ने एक लेख में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की थी। उन्होनें मोदी सरकार को वैज्ञानिकों की बात सुनने की सलाह दी थी।

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इस्तीफे का कारण साफ नहीं

शाहिद जमील केंद्र के सलाहकार ग्रुप के कोर मेंबर थे। शाहिद जमील को कोरोना महामारी (SARS-CoV-2 वायरस) के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने का जिम्मा सौंपा गया था। जमील अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर हैं।

संक्रमण के मामले जुलाई तक जारी

जमील ने हाल ही में दावा किया था कि संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हों, लेकिन बाद की स्थिति आसान नहीं होने वाली। उन्होंने कहा कि यह लंबी चलेगी। संक्रमण के मामले जुलाई तक जारी रह सकते हैं। उनका कहना है कि मामलों में कमी आने के बावजूद हमें रोजाना बड़ी संख्या में संक्रमण से निपटना होगा। जमील के अनुसार अभी ये नहीं कहा जा सकता कि हम दूसरी लहर के पीक पर हैं।

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न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा

शाहिद जमील ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख भी लिखा था। इस लेख में उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा था कि देश में वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए जिद्दी प्रतिक्रिया का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर वैज्ञानिकों की सलाह को न मानने इल्जाम लगाया था।

लेख में उन्होंने कहा,‘मोदी सरकार को देश के वैज्ञानिकों की सलाह सुननी चाहिए और नीति बनाने में जिद्दी रवैया छोड़ना चाहिए। उन्हें चिंता है कि नीति को चलाने के लिए विज्ञान पर ध्यान नहीं दिया गया है। लेकिन मुझे पता है कि मेरा अधिकारक्षेत्र कहां तक है।’