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क्या है आधार केस और यह क्यों महत्वपूर्ण है

याचिकाओं में आधार की वैधता को चुनौती देते हुए कहा गया था कि यह संविधान द्वारा दिए गए निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है

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क्या है आधार केस और यह क्यों महत्वपूर्ण है

नई दिल्ली। आधार 12 अंकों की एक पहचान संख्या है जो भारत के नागरिकों को दी गई है। पहले से चलते आए पहचान के सभी प्रमाणों के ऊपर वरीयता देते हुए इसे किसी व्यक्ति की पहचान का सबसे प्रामाणिक माध्यम माना गया। 38 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से संबंधित 27 याचिकाओं की सुनवाई की जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। इन याचिकाओं में आधार की वैधता को चुनौती देते हुए कहा गया था कि यह संविधान द्वारा दिए गए निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

क्या है आधार

बता दें कि आधार दुनिया की सबसे बड़ी बॉयोमीट्रिक आईडी प्रणाली है। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री पॉल रोमर ने आधार को "दुनिया में सबसे परिष्कृत आईडी कार्यक्रम" कहकर इसकी प्रसंशा की है। बता दें कि आधार निवास का प्रमाण है, नागरिकता का सबूत नहीं है। आधार हासिल होना स्वयं भारत में निवास के लिए कोई अधिकार नहीं देता है। यूआईडीएआई की शुरुआत जनवरी 2009 में भारत सरकार द्वारा योजना आयोग के तहत एक संलग्न कार्यालय के रूप में की गई थी। यूआईडीएआई को यूआईडी योजना को लागू करने और संचालित करने के लिए नीतियों को निर्धारित करने की जिम्मेदारी दी गई थी और इसके आधार पर यूआईडीएआई ही इसके आंकड़ों के सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।

क्या हैं आधार पर चिंताएं

आधार को लेकर कई संगठनों द्वारा समय-समय पर चिंताएं जताई गई हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि आधार के अबकडे सुरक्षित नहीं है और उनका दुरूपयोग होने की व्यापक संभावना है। डर जताया जा रहा है कि देश के नागरिकों की व्यक्तिगत सूचनाएं एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। आधार के ऊपर सबसे बड़ा आरोप यह लगता है कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है, जिसे पिछले साल एक मौलिक अधिकार घोषित किया गया था। यह नागरिकों की निगरानी को सरल बनाता है जिससे लोगों की व्यक्तिगत सूचनाओं को हैक करना आसान हो गया है। यही नहीं अगर डेटा लीक हुआ या डेटा का दुरुपयोग हुआ तो उसके बाद समुचित गाइडलाइन्स का अभाव है कि उस पर कार्रवाई कौन करेगा और कैसे करेगा। कई बार यह भी देखा गया है कि बॉयोमीट्रिक डेटा के मैच न होने पर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। वृद्ध लोगों के साथ ऐसी दिक्कतें ऐसी अधिक हो रही हैं।

ये है सरकार का पक्ष

आधार पर सभी तरह के डर को निराधार बताते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि इससे करप्शन को खत्म करने में मदद मिलेगी। एक व्यक्ति कई बार एक ही योजना का लाभ नहीं ले सकता। साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ सामान रूप से सभी लाभार्थियों में बंटेगा और कोई भी इससे वंचित नहीं रहेगा। समाज के कमजोर वर्गों के लिए यह योजना बहुत लाभप्रद होगी। इससे उनको आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। बिचौलियों का खात्मा होगा। यही नहीं यह व्यक्तियों की पहचान का सबसे सरल और सस्ता उपाय है जो अन्य सभी उपायों से अधिक प्रामाणिक है।