28 सितंबर 2016 को भारत ने की थी पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक।
इसके बाद पाकिस्तान के तमाम नेताओं द्वारा कई प्रतिक्रियाएं दी गईं।
भारत के ऊपर लगाया था कश्मीर से ध्यान भटकाने की साजिश का आरोप।
What was the reaction of Pakistan after surgical strike
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नियंत्रण रेखा के किनारे 28 सितंबर 2016 की रात को भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की तरफ से कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। यहां तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दावा किया कि इस्लामाबाद केवल शांति के लिए है। तमाम प्रतिक्रियाओं के बाद नई दिल्ली ने उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान विरोधी बयान दिया था।
पाकिस्तान ने दावा किया था कि कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस दावे को “आधारहीन” बताते हुए कहा था कि भारत जानबूझकर संघर्ष को बढ़ा रहा है। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि केवल “सीमा पार से गोलीबारी” हुई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने चेतावनी दी कि अगर वास्तव में सर्जिकल स्ट्राइक हुई, तो वो इसका जवाब देगा।
आज सर्जिकल स्ट्राइक के चार साल पूरे हुए, सामने आई इस कार्रवाई से जुड़ी बड़ी जानकारी पाकिस्तानी सूत्रों ने दावा किया था कि इस कार्रवाई के कुछ घंटों बाद 14 भारतीय सैनिकों को एलओसी के पार जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया और एक को पकड़ लिया गया। इसमें आगे कहा गया कि भारत सीमा पार से गोलीबारी में अपने हताहत हुए सैनिकों के आंकड़े छिपा रहा है। जबकि पाकिस्तान के रक्षा विश्लेषकों ने कहा था कि भारतीय सेना के लिए यह संभव नहीं था कि वह भारी हथियारों से लैस होकर बिना नजरों में आए नियंत्रण रेखा पार कर ले और कई घंटों तक कई जगहों पर ऑपरेशन करने के बाद बिना किसी नुकसान और सैन्य प्रतिरोध के वापस लौटे।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उस दौरान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश अनवर ज़हीर जमाली ने भी तत्कालीन हालात का हवाला देते हुए अक्टूबर में होने वाली अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी थी। जमाली को 21-23 अक्टूबर को भारत में आयोजित होने वाले वैश्विक सम्मेलन में भाग लेने आना था। रिपोर्ट में कहा गया था कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के कारण यह निर्णय लिया गया। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने सिफारिश की कि CJP सम्मेलन में भाग ले सकते हैं, जमाली ने मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर भारत आने से इनकार कर दिया।
इस बीच रेडियो पाकिस्तान ने बताया था कि सामान्य राजनीतिक बयानबाजी भी थम गई थी क्योंकि शरीफ ने “उन घटनाओं द्वारा सामने आईं चुनौती के लिए देश की सामूहिक प्रतिक्रिया के लिए एक कैबिनेट बैठक” की अध्यक्षता की। वहीं, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, “कश्मीरी लोगों का सिर्फ संघर्ष ही पाकिस्तान की प्राथमिकता रहेगा और इस मामले से भी पीछे नहीं हटेगा।”
अजीज ने कश्मीरियों के खिलाफ “क्रूरता” से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए भारत को “ध्यान भटकाने वाली रणनीति” में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत “गैरजिम्मेदाराना रवैया” प्रदर्शित कर रहा है और अपनी सार्वजनिक राय के जरिये आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहा है।
Unlock 5.0 के दिशा-निर्देश जारी करने वाला है गृह मंत्रालय, जानिए किन्हें मिलेंगी छूट और किन्हें नहीं इसके साथ ही राजनयिक स्तर पर पलटवार करते हुए पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र की राजदूत मालेहा लोधी ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से मिलेंगी। उन्होंने न्यूजीलैंड के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत जेरार्ड वान बोहेमेन से भी मुलाकात की, जो उस वक्त 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष थे और उन्होंने सीमा पर बढ़ते तनाव पर विश्व निकाय को अनौपचारिक रूप से जानकारी देने का आग्रह किया।
दोनों परमाणु सशस्त्र पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने पीओके में सात आतंकवादी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस हमले को उरी में भारतीय सेना के बेस पर 18 सितंबर के आतंकवादी हमले पर नई दिल्ली का बदला बताया जा रहा था। उरी में हुए आतंकी हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले को बड़े पैमाने पर सीमा पार से होने वाली झड़पों और पाकिस्तानी की ओर से सीमा पार से होने वाली उल्लंघनों की घटनाओं को कम करने के प्रयास के रूप में देखा गया।