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व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन अन्य सदस्य की आपत्तिजनक पोस्ट के लिए जिम्मेदार नहीं है : बॉम्बे हाईकोर्ट

वाट्सएप ग्रुप में किसी सदस्य की आपत्तिजनक पोस्ट के लिए एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इसके लिए एडमिन के खिलाफ खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकेगा।

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Bombay High Court

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नई दिल्ली। वाट्सएप ग्रुप चलाने वाले एडमिन के लिए राहत की खबर है। ग्रुप में किसी सदस्य की आपत्तिजनक पोस्ट के लिए अब एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकेगा। इतना ही नहीं अब वाट्सएप ग्रुप एडमिन के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप में अन्य सदस्यों की आपत्तिजनक पोस्ट के लिए ग्रुप एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। आदेश पिछले महीने पारित किया गया था और इसकी एक प्रति 22 अप्रैल को उपलब्ध कराई गई थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 33 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले को खारिज कर दिया।

एडमिन को सदस्यों को जोड़ने और हटाने का अधिकार
जस्टिस जेडए हक और जस्टिस एबी बोरकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वाट्सएप के एडमिन के पास केवल ग्रुप के सदस्यों को जोड़ने या हटाने की शक्तियां होती है और ग्रुप में पोस्ट की गई सामग्री को कंट्रोल करने या उसे रोकने की क्षमता नहीं होती है। ऐसे में वाट्सएप ग्रुप में अन्य सदस्य कुछ भी सामग्री पोस्ट करते है तो उसके लिए गु्रप एडमिन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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इस याचिका पर सुनाया आदेश
अदालत ने यह फैसला एक 33 वर्षीय व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन किशोर तरोने द्धारा दाखिल गई एक याचिका पर सुनाया है। तरोने के खिलाफ साल 2016 में गोंदिया जिले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं व आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। उन पर अश्लील टिप्पणी, महिला की गरिमा भंग करना और उकसाने के आरोप लगाए गए थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तरुण व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा। जिसने समूह में एक महिला सदस्य के खिलाफ गंदी और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कोर्ट से दर्ज किए मामले मामले को खारिज करने का अनुरोध किया था।

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सदस्य को ग्रुप से नहीं हटाया
महिला ने आरोप लगाया कि किशोर गु्रप एडमिन होने के बावजूद उस सदस्य को ग्रुप से नहीं हटाया और ना ही उसे माफी मांगने के लिए कहा। कोर्ट ने इस मामले में आदेश सुनाते हुए कहा कि व्हाट्सएप गु्रप में अन्य सदस्यों की ओर से पोस्ट के लिए एडमिन आपराधिक तौर पर जिम्मेदार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि एक बार ग्रुप बन जाने के बाद एडमिन किसी सदस्य को केवल हटा सकता है। आपत्तिजनक पोस्ट रोकने का अधिकार उसके पास नहीं होता, इसलिए ऐसी पोस्ट के लिए ग्रुप सदस्य ही जिम्मेदार होना चाहिए।


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