
WHO Corona Vaccine Insurance Scheme: Here's all details in 10 points
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन इंश्योरेंस स्कीम ( WHO Vaccine Insurance Scheme ) के लिए एक कोष की स्थापना कर रहा है। इस कोष का मकसद गरीब देशों के उन लोगों को उस मौके पर क्षतिपूर्ति देना है, जब वे कोविड-19 वैक्सीन के किसी दुष्प्रभाव से पीड़ित हो जाएं। हालांकि दुनिया में तमाम कोरोना वैक्सीन अभी भी क्लीनिकल ट्रायल के अंतर्गत चल रही हैं। तो क्या इसका मतलब यह है कि किसी दुष्प्रभाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है? चलिए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।
1. इस बात की संभावना नहीं है कि जब किसी वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दे दी जाए, उससे कुछ गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिलें। हालांकि अतीत में ऐसी ही घटनाएं हुईं हैं, जिन्होंने स्वाइन फ्लू के खिलाफ टीकाकरण को धीमा कर दिया था।
2. कम आय वाले दर्जनों देशों में H1N1 टीकाकरण धीमा हो गया था क्योंकि वहां प कोई स्पष्ट जिम्मेदारी नहीं थी।
3. इसके अलावा यह वैक्सीन के बारे में लोगों के बीच भय को कम करने में मदद करेगा। अगर वैक्सीन दिसंबर तक विकसित होती है, तो यह सिर्फ एक साल के भीतर विकसित होने का रिकॉर्ड बना देगी।
4. यह कोष COVAX वैक्सीन फैसिलिटी के अनुरूप होगा, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक वैक्सीन भत्ता गावी द्वारा स्थापित किया गया है। COVAX सदस्य देशों के बीच कम से कम 2 अरब कोरोना वैक्सीन के वितरण की सुविधा प्रदान करेगा।
5. यह बीमा योजना 92 कम आय वाले देशों के लिए लागू होगी। यह देश ज्यादातर अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में हैं।
6. अगर वैक्सीन देने के बाद कुछ भी गलत होता है, तो योजना के तहत उन देशों की सरकार को किसी भी कीमत का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन वैक्सीन को COVAX द्वारा वितरित किया जाना होगा।
7. इस योजना का लाभ उठाने के मानदंड स्पष्ट नहीं किए गए हैं क्योंकि दक्षिण अफ्रीका, लेबनान, ईरान जैसे कई मध्यम आय वाले देशों को इस योजना की पेशकश नहीं की जाएगी।
8. अगर वैक्सीन दिए जाने के बाद किसी व्यक्ति को कुछ हो जाता है, तो COVAX पीड़ित को मुआवजा देगा।
9. यह पीड़ित को अदालत के पास जाने से रोकेगा क्योंकि ऐसा होने पर पूरा टीकाकरण कार्यक्रम रोका जा सकता है।
10. COVAX ने कहा कि वैक्सीन निर्माता उन देशों में वितरण के लिए टीके उपलब्ध कराने में अनिच्छुक थे जो उन्हें लाएबिलिटी शील्ड नहीं देते थे।
Updated on:
30 Oct 2020 08:39 pm
Published on:
30 Oct 2020 08:31 pm
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