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किसने किया आरोग्य सेतु ऐप का निर्माण? सरकार को भी नहीं है खबर

locationनई दिल्लीPublished: Oct 28, 2020 05:51:54 pm

लॉकडाउन के दौरान सरकार के कहने पर जमकर आरोग्य सेतु ऐप ( Aarogya Setu App ) डाउनलोड किया गया।
मुख्य सूचना आयोग ने संबंधित विभागों को नोटिस भेजकर कहा- टाल-मटोल नहीं, जवाब चाहिए।
ना तो एनआईसी, ई-गवर्नेंस डिविजन औऱ ना ही मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी।

Who created Aarogya Setu App a big mystry, even ministry don't know

Who created Aarogya Setu App a big mystry, even ministry don’t know

नई दिल्ली। सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने कहा है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप ( Aarogya Setu App ) किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है। मुख्य सूचना आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत आने वाले एनआईसी से यह पूछने के बाद और विभिन्न मुख्य सार्वजनिक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें आरटीआई आवेदन का जवाब देने को कहा है, जिसमें कोविड-19 संपर्क ट्रेसिंग के बारे में सवाल किया गया था। सीआईसी ने कहा कि इसके जवाब में टाल-मटोल नहीं किया जा सकता है।
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यह शिकायत सौरव दास नामक एक शख्स द्वारा दायर की गई थी जिसने दावा किया था कि उन्होंने एनआईसी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से एप्लीकेशन के निर्माण के बारे में जानना चाहा, जिसे लॉकडाउन के दौरान लाखों भारतीयों ने डाउनलोड किया है।
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गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मेट्रो स्टेशनों में प्रवेश करने से पहले मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करना भी आवश्यक है। लेकिन दास ने कहा कि ऐप के निर्माण के संबंध में न तो एनआईसी और न ही मंत्रालय के पास कोई डेटा था।
Aarogya Setu App
सीआईसी ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर को यह बताने के लिए भी कहा है कि वेबसाइट पर उसका नाम क्यों है, जबकि इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। सूचना आयुक्त वनजा एन सरना ने आदेश दिया है, “आयोग ने सीपीआईओ, एनआईसी को निर्देश दिया कि वह इस मामले को लिखित रूप में बताए कि अगर उनके पास इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है तो वेबसाइट https://aarogyasetu.gov.in/ को डोमेन नाम gov.in के साथ कैसे बनाया गया है।”
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CIC ने कहा कि केवल ऐप के निर्माण के बारे में ही नहीं, किसी को भी बनाई गई फ़ाइलों, प्राप्त इनपुट्स और व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग किया जा रहा है या नहीं की जांच किए जाने के ऑडिट उपायों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि इस ऐप और इसके सुरक्षा पहलुओं पर पहले भी चिंता जताई जा चुकी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले सरकार पर डेटा सुरक्षा में सेंध लगाने का आरोप लगाया था।
https://twitter.com/rsprasad/status/1256599550627741697?ref_src=twsrc%5Etfw
उन्होंने एक ट्वीट में कहा था, “आरोग्य सेतु ऐप एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है, जो एक प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स की गई है, इसमें कोई संस्थागत निरीक्षण नहीं है- जो गंभीर डेटा सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को बढ़ाता है। प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है; लेकिन सहमति के बिना नागरिकों को ट्रैक करने के लिए भय का लाभ नहीं उठाया जाना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तब आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि आरोग्य सेतु को किसी भी निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स नहीं किया गया है।

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