
नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन ( Lockdown ) के पहले चरण का कल अंतिम दिन है। अब चर्चा इस बात को लेकर जारी है कि जब पीएम मोदी ( pm modi ) लॉकडाउन लागू होने के बाद राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अपने मंत्रियों से इसे बढ़ाने को लेकर चर्चा कर चुके हैं। पीएम को सभी पक्षों से जरूरी सुझाव भी मिल चुका है। इसके बावजूद लॉकडाउन-2 की घोषणा करने में पीएम विलंब क्यों कर रहे हैं?
केंद्र सरकार ( Central Government ) की ओर से विलंब में घोषणा से हर स्तर पर इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर पीएम सोच क्या रहे हैं। खासतौर निजी सेक्टर उद्यमियों और काम करने वाले यंग प्रोफेसनल के बीच लॉकडाउन को लेकर जारी चिंता से भी पीएम वाकिफ हैं। अब देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, सामाजिक ताने बाने को लेकर भी अब सवाल उठाए जाने लगे हैं।
तीन दिन पहले पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की चार घंटे की मैराथन बैठक चली थी। पीएम अपने मंत्रियों से भी जरूरी सुझाव ले चुके हैं। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि भले ही मुख्ममंत्रियों ने लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने पर अपनी सहमति दे दी हो लेकिन यह भी आम राय है कि इसे धीरे-धीरे हटाया जाए। पीएम ने 'जान भी, जहान भी' की बात कहकर साफ कर दिया है कि वे कोरोना से लोगों की जान बचाने के साथ ही उनकी आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी बचाना चाह रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी सोमवार से सभी मंत्रियों को वरिष्ठ नोकरशाहों के साथ मंत्रालय पहुंचकर काम शुरू करने का आदेश दे चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक कुछ मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन में कुछ छूट देने की मांग की है, ताकि जरूरी सेवाओं की बहाल रखना संभव हो सके। इसलिए संभावना इस बात की ज्यादा है कि अब चरणबद्ध ढंग से एक-एक कर कदम बढ़ाया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि अब देश में लॉकडाउन 2.0 ( Lockdown-2.0 ) होने वाला है जो 14 अप्रैल की रात से 30 अप्रैल तक हो सकता है। लेकिन इसका क्या स्वरूप होगा, इसको लेकर जो बातें छनकर सामने आ रहीं है उसके आधार कई कयास लगाए जा रहे हैं।
ऐसा हो सकता लॉकडाउन 2.0
भारत सरकार उद्योग, निर्माण और कृषि से जुड़े कई सेक्टर में सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) का ख्याल रखते हुए कामकाज शुरू करने का फैसला कर सकती है। इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से भागीदार पक्षों के सुझाव पर अनुशंसा गृह मंत्रालय को भेजी गई है। लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले के बाद जान के साथ जहान की धारणा संग विभिन्न जरूरी सेक्टर में सीमित क्षमता के साथ काम की इजाजत दिए जाने के संकेत हैं। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव की ओर से गृहसचिव को लिखे गए पत्र में छूट के लिए विभिन्न सेक्टर की सूची भेजी गई है।
राज्य सरकारें कोरोना संक्रमण के आधार पर तीन जोन रेड, ऑरेंज व ग्रीन तय करेंगे। कोरोना संकट ( Corona Crisis ) पर नियंत्रण और अन्य लक्ष्य को हासिल करने के लिए डीएम और एसपी को और अधिक जवाबदेह बनाए जा सकते हैं। उन्हें श्रमिकों के पलायन जैसे हालात के लिए सीधे जिम्मेदार बनाया जा सकता है।
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बैंक-एटीएम समेत पहले से तय आवश्यक सेवाएं लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी। लॉकडाउन व सामाजिक दूरी के लिए सख्ती जारी रहेगी। क्लस्टर कंटेनमेंट से हॉटस्पॉट्स पर संक्रमण रहित होंगे।
दूसरे चरण में कृषि-उद्योग सहित कुछ क्षेत्रों को सामाजिक दूरी के पालन की शर्त पर छूट दी जाएगी। हालांकि उद्योगाें को काम शुरू करने के लिए नई व्यवस्था में कामकाज का ब्लूप्रिंट देना होगा।
जान और जहन के मद्देनजर उठाए जा सकते हैं ये कदम
- लॉकडाउन व सामाजिक दूरी के लिए सख्ती जारी रहेगी।
- क्लस्टर कंटेंमेंट से हॉटस्पॉट्स पर संक्रमण रहित होंगे।
- सुरक्षा स्टोर : जरूरी सामान के लिए 20 लाख स्टोर बनेंगे। कंपनियों की मदद से पहले से मौजूद किराना दुकानें तय होंगी। ई-कॉमर्स को भी छूट।
- शैक्षणिक संस्थाएं नए सत्र में ही खुलेंगे। उच्च, तकनीकी व मेडिकल शिक्षा ऑनलाइन। वैविनार व दूरदर्शन का भी उपयोग होगा।
- किसानों को खेत तक पहुंचने की मिलेगी छूट। मंडी परिषद गांव या घर से खरीद सुनिश्चित करेगी।
- बड़े उद्योग व एमएसएमई प्रोटोकॉल का पालन व मजदूरों के रहने-खाने के इंतजाम के साथ सशर्त काम शुरू कर सकेंगे।
WHO की चेतावनी
दूसरी तरफ लॉकडाउन हटाने या ढील देने पर भारत समेत पूरी दुनिया की सरकारें विचार कर रही हैं। इसके मद्देनजर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि अगर लॉकडाउन जल्द हटाया गया तो हालात सुधरने के बजाय और बिगडे़ंगे। दुनिया को खतरनाक अंजाम भुगतना पड़ सकता है, महामारी ज्यादा घातक रूप में वापसी कर सकती है।
Updated on:
14 Apr 2020 12:50 am
Published on:
13 Apr 2020 10:49 am
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