
Will SC / ST reservation end in new education policy? Know the truth
नई दिल्ली। 34 साल बाद देश की शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव हुआ है। मोदी सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है। लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया कई ऐसे पोस्ट वायरल हो रहे हैं जिसमें लोग दावा कर रहे हैं कि इस नई शिक्षा नीति के आने के बाद आरक्षण खत्म हो जाएगा। कई लोगों का कहना है कि इस नई शिक्षा नीति में आरक्षण शब्द का एक बार भी उल्लेख नहीं हुआ । ऐसे में उन्हें लगता है कि सरकार देश से आरक्षण को खत्म करने जा रही है।
येचुरी ने उठाए सवाल
आमजन के अलावा सीपीआई महासचिव सीताराम येचुरी ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बारे में सवाल किया था। चिट्ठी में सीताराम ने पूछा था कि 'नई शिक्षा नीति में एडमिशन्स या टीचिंग व नॉन-टीचिंग भर्तियों में आरक्षण नीतियों का कोई जिक्र नहीं किया गया है। क्या सरकार नई शिक्षा नीति 2020 के जरिए एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांग आरक्षण खत्म करना चाहती है?'
शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
सीताराम येचुरी के इस सवाल के बाद शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने जवाब दिया है । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (Dr Ramesh Pokhriyal Nishank) ने भी एक पत्र के जरिए येचुरी के सवाल का जवाब दिया है।
पत्र में निशंक ने लिखा है कि 'नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी मिलने के बाद से JEE, NEET, UGC NET, IGNOU जैसी कई परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं। कई शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती प्रक्रियाएं भी हुईं। लेकिन हमें कहीं से भी आरक्षण नियमों के भंग होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे में आपका सवाल बेफिजूल है।
शिक्षा मंत्री ने आगे लिखा है कि ' एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग व अन्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों को शिक्षा से जोड़ने के लिए जो भी सफल नीतियां व कार्यक्रम चल रहे हैं, वे जारी रहेंगे। मैं यह बात बिल्कुल साफ करना चाहूंगा कि इस संबंध में किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर मेरा मंत्रालय हर उचित कार्रवाई करेगा।'
Published on:
03 Dec 2020 04:14 pm
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