दरअसल, पुणे की रहने वालीं राजश्री पाटिल (48) ने 2 साल पहले अपने बेटे प्रथमेश पाटिल को ब्रेन कैंसर की वजह से खो दिया था। 27 साल की उम्र में प्रथमेश की मौत हो गई थी। प्रथमेश पाटिल अपने घर में इकलौते थे, इस वजह से मां के साथ उनका लगाव ज्यादा था। घर में कोई और बेटा न होने की वजह से प्रथमेश की ये आखिरी इच्छा थी कि किसी भी तरह उसका वंश न रूके और वो बढ़ता रहे। राजश्री पाटिल ने साइंस की मदद से अपने बेटे की आखिरी इच्छा को पूरा कर दिया है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, राजश्री पाटिल ने बेटे की मौत से पहले उसका वीर्य स्टोर करा लिया था। प्रथमेश की मौत के बाद डॉक्टरों की मदद से सेरोगेसी के जरिए उसी सीमेन से जुड़वां बच्चे एक लड़का और एक लड़की उन्हें मिले हैं। इन बच्चों को उन्हीं की एक रिश्तेदार ने जन्म दिया है। पाटिल को इन बच्चों में अपना बेटा प्रथमेश दिखाई देता है। राजश्री पाटिल ने बच्चों को भगवान का उपहार बताया है और लड़के का नाम प्रथमेश रखा है। उन्होंने लड़की का नाम प्रीषा रखा है।
अपनी खुशी का इजहार करते हुए राजश्री पाटिल कहती हैं, “मुझे अपने बेटे से बेहद लगाव था, वो पढ़ाई में बहुत तेज था, वह जर्मनी के इंजीनियरिंग कॉलेज में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था। जहां वो डॉक्टर से अपने ब्रेन कैंसर का इलाज करा रहा था। डॉक्टर ने प्रथमेश को कीमोथेरेपी के इलाज से पहले उसे अपने सीमेन को संरक्षित करने के लिए कहा था।”
प्रथमेश की मां कहती हैं कि उन्हें जरा सा भी एहसास नहीं था कि मेरा बेटा वापिस नहीं आएगा। राजश्री ने बताया कि पहले तो वो ही बेटे के वीर्य से खुद प्रेग्नेंट होने की सोच रही थीं, पीरियड्स बंद होने की वजह से मैं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती थी। इसलिए हमने अपनी एक रिश्तेदार से मदद मांगी। एक शादी-शुदा रिश्तेदार को मैंने सेरोगेट मां बनने के लिए कहा और उन्होंने मुझे तोहफे में दो जुड़वा बच्चे दिए।