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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2021 : बहुत ताकतवर है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ

मीडिया को हमेशा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। क्योंकि लोकतंत्र की मजबूती में प्रेस का महत्वपूर्ण योगदान है। इसीलिए 3 मई को दुनियाभर में स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को मनाया जाता है।

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World Press Freedom Day

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नई दिल्ली। हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में प्रेस का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। मीडिया की स्वतंत्रता से लोगों को हकीकत जानने का मौका मिलता है। मीडिया को हमेशा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। क्योंकि लोकतंत्र की मजबूती में प्रेस का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके बिना लोकतंत्र का टिक पाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए 3 मई को दुनियाभर में स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को मनाया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से प्रेस की स्वतंत्रता में लगातार कभी देखी जा रही है। 1991 में UNESCO के महासम्मेलन में अपनाई गई सिफारिश के बाद 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया था।

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बहुत ताकतवर होती है कलम
मीडिया जो काम कर रही है वह बहुत ही मुश्किल काम माना जाता है। एक कहावत भी है जो काम तोप, तलवार और ताकत से नहीं होता वह कलम से हो जाता है। इसलिए कहते है कि कलम बहुत ताकटवर होती है। कलम के आगे अच्छे-अच्छे धुरंधर झुकने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अक्सर देखा जाता है कई देशों में बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश करने में प्रेस का ही बड़ा योगदान रहता है। बड़े-बड़े उद्योगपति नेता और विभिन्न घोटाला को मीडिया का सच मीडिया ही लेकर आता है। समय-समय पर प्रेस ने कई घोटालों का पर्दाफाश किया है और सच्चाई सबके सामने लाए हैं। आज भी लोगों का मीडिया पर बहुत ही गहरा विश्वास है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021 की लिस्ट में भारत 142वें स्थान पर
20 अप्रैल, 2021 को जारी नवीनतम विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021 की लिस्ट जारी की गई है। 180 देशों में भारत 142वें स्थान पर है। पिछले साल भी अपना देश 142वें पायदान पर रहा था। इस लिस्ट में नॉर्वे शीर्ष पर बरकरार है। नॉर्वे पिछले पांच सालों से पहले स्थान पर है। इसके बाद फिनलैंड और डेनमार्क क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इरीट्रिया सूचकांक के सबसे निचले स्थान, 180 वें स्थान पर है। इस सूची में उत्तरी कोरिया 179वें, तुर्कमेनिस्तान 178वें और चीन 177वें स्थान पर हैं। जर्मनी 13वें जबकि अमेरिका एक पायदान नीचे खिसककर 44वें स्थान पर है। ब्राजील भारत के साथ 142वें जबकि मेक्सिको 143वें और रूस 150वें स्थान पर है। सूचकांक में प्रेस आजादी के लिहाज से देशों को बहुत बुरा और समस्याग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है।


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