
सत्ता में वापसी के बाद और भी ताकतवर हुए मोदी, दुनिया में बढ़ा कद
नई दिल्ली।सत्ता में दोबारा वापसी के बाद नरेंद्र मोदी दुनिया के लिए करिश्माई नेता बन चुके हैं। 130 करोड़ की आबादी वाले देश में जिस नेता को अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हो, उससे हर किसी की आशाएं बढ़ गई हैं। अपने पहले कार्यकाल में मोदी ने ताबड़तोड़ विदेशी यात्राएं की थीं। एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी पांच साल में कुल 49 बार विदेश के लिए रवाना हुए। इस दौरान वह 93 देश गए। इनमें 41 देश ऐसे रहे, जहां वे एक बार गए। 10 देशों में वे दो बार गए। फ्रांस और जापान में तीन-तीन बार गए। रूस, सिंगापुर, जर्मनी और नेपाल चार-चार बार गए। जबकि चीन और अमरीका पांच-पांच बार गए। उस दौरान विपक्ष ने इसका मखौल उड़ा रही थी। उसका कहना था कि मोदी सरकारी धन का दुरूपयोग कर विदेशों में भ्रमण कर रहे हैं। अकसर देखा गया है कि विदेश में खुद प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत की है। पहले की सरकारों में जहां बाहर के देशों से विदेश मंत्री खुद अपने स्तर पर पहल करते थे। वहीं मोदी सरकार विदेशी यात्राओं को लेकर अधिक सजग दिखाई दी। इसका नतीजा है कि नरेंद्र मोदी की दूसरी जीत के बाद सार्क देशों के साथ यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मोदी को बधाई दी।
सार्क देशों में बड़ी ताकत
बीते साल चीन के एक सरकारी थिंक टैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की तारीफों के पुल बांधे थे। उसका कहना था कि मोदी के कार्यकाल में भारत की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ रही है। चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (सीआईआईएस) के उपाध्यक्ष रोंग यिंग के अनुसार पिछले तीन साल से ज्यादा समय में भारत की कूटनीति काफी मजबूत हुई है। इस दौरान भारत ने एक अलग ‘मोदी डॉक्ट्रीन’ बनाई है। इसकी वजह से भारत एक महाशक्ति के तौर पर उभरा है। सीआईआईएस के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के तीन वर्षों के कार्यकाल में भारत और चीन के संबंधों में मजबूती आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत के बीच सहयोग तथा प्रतिस्पर्धा दोनों की स्थितियां हैं। चीन के लिए भारत काफी महत्वपूर्ण पड़ोसी और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सुधार के लिए अहम साझेदार है। चीन का कहना है कि पुराने प्रशासन की तुलना में मोदी डॉक्ट्रीन ने दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश की।
दूसरे कार्यकाल में मोदी ले सकते हैं अहम फैसले
आतंकवाद,आर्थिक सुधार की स्थिति में मोदी सरकार से कड़े फैसले की अपेक्षाएं की जा रही हैं। पूरी दुनिया मान रही है कि मोदी सरकार दोनों ही मुद्दों पर कड़े फैसले ले सकती है। बीते कार्यकाल में जीएसटी, नोटबंदी का निर्णय काफी अहम थे। इससे देश में क्लीन इकनॉमी का प्रचार हुआ है। विदेशी देशों से निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस कार्यकाल में माना जा रहा है कि मोदी बाहर के देशों से भारी निवेश लाने की कोशिश करेंगे। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और जापान से भारत के संबंध गहरे होते जा रहे हैं। सभी चीन के समकक्ष भारत को देखना चाहते हैं। वे भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ी ताकत दे सकते हैं।
आतंकवाद पर भारत को बड़ी सफलता
मोदी सरकार आतंकवाद को लेकर शुरू से ही सख्त रही है। उरी हमला और पुलवामा हमले के बाद भारत की कार्रवाई ने सभी को प्रभावित किया। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सैन्य कार्रवाई की। वहीं बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके मोदी ने पूरी दुनिया को जता दिया कि भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है। पाकिस्तान के आतंकी मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद महाशक्तियों को अब उम्मीद है कि भारत में मोदी सरकार कई बड़े बदलाव के पड़ाव पर है।
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Updated on:
27 May 2019 04:03 pm
Published on:
27 May 2019 03:59 pm
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