दरअसल, चीन की घेराबंदी के लिए अमरीका इंडो-प्रशांत क्षेत्र ( Indo-Pacific Region ) के अपने मित्र देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर नाटो जैसा गठबंधन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर चारों देशों की एक अहम बैठक राजधानी दिल्ली में होने की उम्मीद है।
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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा कि हमारा लक्ष्य इन चार देशों के साथ दूसरे देशों को मिलाकर चीन की चुनौती का सामना करना है। उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत संयुक्त सैन्य तंत्र की कमी है। इस क्षेत्र के पास नाटो या यूरोपीय यूनियन जैसा कोई मजबूत संगठन नहीं है।
यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम को संबोधित करते हुए भारत में अमरीका के पूर्व राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा के साथ ऑनलाइन चर्चा के दौरान पोपम्पियो ने कहा कि इस तरह का गठबंधन तभी होगा जब दूसरे देश अमरीका जितने प्रतिबद्ध होंगे।
मालाबार नौसेना अभ्यास से चीन को चुनौती
आपको बता दें कि अमरीक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मालाबार नौसेना अभ्यास के जरिए भी चीन पर दबाव बनाने की कोशिश में है। चूंकि इस सैन्य अभ्यास में भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इसमें पहले से शामिल है। इस सैन्य अभ्यास का मकसद, चीन की बढ़ती आक्रमकता को रोकना और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखना है।
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मालाबार नौसेना अभ्यास की शुरुआत 1992 में अमरीका और भारत के बीच हुआ था। इसके बाद 2015 में इस युद्धाभ्यास में जापान भी शामिल हुआ। इससे पहले 2007 में एक बार ऑस्ट्रेलिया ने भी भाग लिया था, लेकिन तब चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने के लिए व्यापार कम करने की धमकी थी। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया इससे हट गया था। हालांकि अब कोरोना संक्रमण को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मालाबार युद्धाभ्यास में 2007 में ही एक बार सिंगापुर भी भाग ले चुका है। अब क्वाड्रीलेटरल सिक्टोरिटी डायलॉग ( क्वाड ) देशों में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल किए जाने की बात कही जा रही है।